Indian Railways : विजिलेंस को फर्जी जैसा चलता मिला वाहन स्टैंड

Indian Railways : विजिलेंस को फर्जी जैसा चलता मिला वाहन स्टैंड

Kota Rail News : पश्चिम-मध्य रेलवे विजिलेंस की कोटा में कार्रवाई दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। दूसरे दिन विजिलेंस ने मुख्य रूप से चार नंबर प्लेटफार्म के बाहर स्थित वाहन स्टैंड की जांच की।
इस जांच में विजिलेंस को वाहन स्टैंड फर्जी जैसा चलता मिला। एग्रीमेंट के अनुसार स्टैंड ठेकेदार के पास पूरे कागजात तक नहीं थे। पर्चियों पर वाहन आने का समय नहीं लिखा था। स्टैंड पर कहीं रेट लिस्ट तक नहीं लगी हुई थी। इससे ओवर चार्जिंग शिकायतों की पुष्टि हो रही थी। ठेकेदार द्वारा कंप्यूटराइज्ड की जगह वाहन मालिकों को मैनुअल पर्चियां दी जा रही थीं। इसके अलावा स्टैंड पर सीसीटीवी कैमरे लगे नहीं मिले। स्टैंड का एक भी कर्मचारी वर्दी में नहीं मिला। कर्मचारियों के पास पहचान-पत्र तक नहीं थे।
इसके अलावा विजिलेंस के पास सवारियां छोड़ने और ले जाने वाले ऑटो चालको से 10 रुपए लेने की भी शिकायतें थीं। लेकिन कार्रवाई के समय कोई ट्रेन नहीं होने के कारण इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी। इस कार्रवाई के बाद विजिलेंस द्वारा केस तैयार किया गया है।
पूरी फौज होने के बाद भी धांधली
उल्लेखनीय है कि वाहन स्टैंड आदि की जांच के लिए अधिकारियों के पास वाणिज्य निरीक्षकों की एक पूरी फौज है। इन पर रेलवे वेतन, भत्ते और सुविधाओं पर हर महीने लाखों रुपए खर्च करती है। इसके बाद भी वाहन स्टैंड पर गंभीर खामियां मिल रही हैं। इसके अलावा यात्रियों द्वारा भी समय-समय पर स्टैंड संचालकों की शिकायतें भी की जाती हैं। इसके बावजूद भी अधिकारी मामले में कभी गंभीर नहीं होते। ऐसा भी नहीं है कि यह मामला पहली बार हुआ इससे पहले भी वाहन स्टैंड पर अनियमितता के कई मामले सामने आ चुके हैं। तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश के समय तो एक नंबर प्लेटफार्म के बाहर स्थित कार पार्किंग पूरी तरह फर्जी चल रही थी
यहां रोज आते हैं अधिकारी
यात्रियों ने बताया कि जबलपुर मुख्यालय आने-जाने के कारण इस वाहन स्टैंड पर लगभग रोज किसी न किसी अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद भी इस महान स्टैंड पर सबसे ज्यादा अनियमितताएं नजर आईं। इसके अलावा यहां पर अधिकारियों के वाहन चालकों के साथ भी स्टैंड कर्मचारियों द्वारा मारपीट का मामला सामने आ चुका है।
एक दिन पहले भी की थी कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि विजिलेंस द्वारा मंगलवार को भी पैसों की अनियमितता के मामले में साधारण टिकट बुकिंग बाबू को पकड़ा था। इसके अलावा अधिकारी कॉलोनी में आउट हाउस में रहने वाले लोगों के खिलाफ भी जांच कार्यवाही की थी। अधिकारी द्वारा बंगला खाली करने के बावजूद यह लोग यहां पर एक महीने से अधिक समय से रह रहे थे। कनेक्शन कटा होने के बावजूद भी यह लोग बिजली-पानी का उपयोग कर रहे थे। बंद होने के बावजूद भी इन लोगों का बंगले के अंदर आना जाना लगा हुआ था। इसके चलते रेलवे विजिलेंस सुपरवाइजरों से भी पूछताछ कर सकती है।