Kota : रेलकर्मियों ने आधी रात को कंट्रोल रूम और पावर हाउस पर किया जोरदार हंगामा, बिजली जाने से थे नाराज, प्रशासन को ठहराया दोषी

Kota : रेलकर्मियों ने आधी रात को कंट्रोल रूम और पावर हाउस पर किया जोरदार हंगामा, बिजली जाने से थे नाराज, प्रशासन को ठहराया दोषी

Kota Rail News :  रोजाना की तरह गुरुवार रात को भी रेलवे कॉलोनी की लाइफ अचानक गुल हो गई। काफी इंतजार के बाद भी लाइट नहीं आने पर कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में एकत्रित हुए कर्मचारियों ने डीआरएम ऑफिस स्थित बिजली कंट्रोल रूम और न्यू रेलवे कॉलोनी पावर हाउस पर रात 12 बजे जमकर हंगामा किया। बार-बार लाइट जाने से गुस्साए कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अपनी भड़ास निकालते हुए कर्मचारियों ने इस अव्यवस्था के लिए मुख्य रूप से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। कर्मचारियों ने कहा कि सैकड़ों शिकायतों के बाद भी प्रशासन ने बिजली व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया। बार-बार बुलाने के बाद रात में भी किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचना जरूरी समझा।
शराब के नशे में था बिजली स्टाफ
कर्मचारियों ने बताया कि पावर हाउस का स्टाफ उन्हें शराब के नशे में मिला। स्टॉफ कर्मचारी उनकी शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं थे। कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें सिर्फ अधिकारी कॉलोनी की लाइट को सुचारू बनाए रखने के आदेश है।
कर्मचारियों के सवाल पर भड़के स्टाफ कर्मियों ने गाली गलौज कर कर्मचारियों से अभद्रता भी की।
सूचना पर कुछ देर बाद रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस भी पावर हाउस पहुंच गई। बिजली कर्मचारी पुलिस से भी अभद्रता करने से भी नहीं चूके।
डीआरएम को ठहराया दोषी
कॉलोनी की बार-बार लाइट जाने से कर्मचारी इतने दुखी हो गए हैं कि वे अब सीधे डीआरएम पंकज शर्मा को दोषी ठहराने लगे हैं। अपनी शिकायतों में कर्मचारी बिजली व्यवस्था के लिए अब डीआरएम से सीधे सवाल करने लगे हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि अपने बंगले की एक मिनट लाइट जाने पर सुपरवाइजर को निलंबित करने वाले डीआरएम ने कर्मचारियों के मामले मे चुप्पी क्यों साध रखी है।
कर्मचारियों ने बताया कि यह हालात तो तब है जब डीआरएम खुद बिजली विभाग से आते हैं।
रात 2 बजे तक कि नहीं आई लाइट
कर्मचारियों ने बताया कि रात 9 बजे की गई लाइट 2 बजे तक भी नहीं आई थी। लाइट नहीं होने के कारण गर्मी और उमस से परिवार का बुरा हाल था। गर्मी से परेशान छोटे बच्चे लगातार रो रहे थे। लाइट नहीं होने से बुजुर्ग और बीमार कर्मचारियों को भी भारी परेशानी हुई।
सुबह जल्दी ड्यूटी जाने वाले कर्मचारी भी रात 2 बजे तक सोए नहीं थे। कर्मचारियों ने बताया कि इसके अलावा अंधेरे में बारिश के कारण जहरीले जीव जंतुओं का डर बना हुआ था।