सुनवाई के दौरान न्यायालय में मजिस्ट्रेट पर सैडल फैकने के आरोपित को तीन साल की सजा

सुनवाई के दौरान न्यायालय में मजिस्ट्रेट पर सैडल फैकने के आरोपित को तीन साल की सजा

एडीजे ने निचली अदालत  के फैसले को बरकरार रखते हुए सुनवाई सजा-गंगापुर सिटी
गंगापुर सिटी न्यायालय में तत्कालीन मजिस्ट्रेट अंकुर गुप्ता पर सैडल फैकने के आरोपित लाबू उर्फ अजीज निवासी गंगापुर सिटी को अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश रेखा चौधरी ने निचली अदालत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखते हुए सुनवाई के दौरान आरोपित तीन साल की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजन मोहसीन खांन ने बताया कि परिवादी ने 2 अप्रेल 2018 को सरकार / लाबू उर्फ अजीज में निर्णय की तारीख नियत थी,समय करीब 12.50 बजे पर आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा से न्यायालय में पेश किया गया था। जिस पर पीठासीन अधिकारी अंकुर गुप्ता द्वारा प्रकरण में दोष सिद्ध करते हुए सजा के बिन्दु पर सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान आरोपित लाबू अजीज ने अपने पैर की सैडल उतारकर पीठासीन अधिकारी पर फैकी जो पीठासीन अधिकारी के दाहिने कंधे पर लगी। जिससे काफी चोट आई। व पीठासीन अधिकारी को जान से मारने की गरज से झपटने का प्रयास किया तथा झपटकर संबंधित पत्रावली की आदेशिका को फाड दिया। और जबरन पत्रावली को रीडर रविन्द्र कुमार सिंहल से छीनकर फाडने की कोशिश की। और न्यायिक कार्य में बाधा उत्पन्न की।इस दौरान एडवोकेट अनिल कुमार दुबे ने बीच बचाव किए जाने पर उनके साथ मारपीट की। वहां पर एडवोकेट भानु सिंहल, परमानंद शर्मा,तरुण शर्मा व अन्य अधिवक्ताओं व न्यायालय स्टाफ व चालानी गार्ड सुरेश कुमार व विक्रम कुमार ने इस घटना के दौरान मौजूद थे। इस दौरान आरोपित द्वारा पीठासीन अधिकारी को जान से मारने की धमकी दी।
इस पर अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के बयान के आधार पर बहस सुनने के बाद आरोपित लाबू उर्फ अजीज को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपित तीन साल की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रेखा चौधरी ने प्रकरण में उक्तानुसार न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे अभियुक्त अभिरक्षा में चल रहे अभियुक्त को पेशी में लाए जाने के दौरान 4-4 चालानी गार्ड होने पर भी सजा किए जाने पर सैन्डिल फैक कर संबंधित पीठासीन अधिकारी की सुरक्षा व नयायालय की गरिमा को आहत किया है। इस संबंध में संबंधित चालानी गार्डो की लापरवाही व त्रुटि से अवगत कराने के लिए आदेश की प्रति जिला कलक्टर सवाई माधोपुर व पुलिस महानिदेशक जयपुर को भेजी जावे। जिससे भविष्य में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे अभियुक्तों की न्यायालय में पेशी सुनिश्चित करते समय चालानी गार्डो व संबंधित जाप्ता सजगता से स्वयं के कर्तव्यों का प्रहरी के रूप में पालना करे। ताकि इस तरह की अशोभनीय व न्यायालय की गरिमा का हनन करने वाली घटनाओं की पुनरावृति पर रोक लग सके।