वेस्ट डीकम्पोजर जैविक खेती के लिए नई उम्मीद

वेस्ट डीकम्पोजर जैविक खेती के लिए नई उम्मीद
सवाई माधोपुर खेती में रासायनों के प्रयोग अंधाधुंध होने लगा, जिससे पर्यावरण प्रदूषित तथा भूमि की उर्वरा शक्ति में निरंतर गिरावट जारी है, जो मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ सभी जीवों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
करमोदा के कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने बताया कि वेस्ट डीकंपोजर भूमि को उपजाऊ बनाने में कारगर साबित हुआ है। कृषि विभाग की ओर से आत्मा योजना के तहत नवाचार गतिविधि वेस्ट डीकंपोजर का प्रदर्शन किसान कलामुद्दीन खान करमोदा के खेत पर लगाया। कृषि अधिकारियों ने वेस्ट तैयार करने के तरीका एवं उसके उपयोग की जानकारी दी। कार्बनिक पदार्थो का अपघटन मृदा में सूक्ष्म जीवों द्वारा किया जाता है, ये मृदा में पोषक तत्वों के चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. ऐसे सूक्ष्म जीव जो मृदा में उपस्थित कार्बनिक पदार्थो का विघटन करने का काम करते है उन्हें डीकम्पोजर (अपघटक) कहते है।
राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र गाजियाबाद ने 2015 में वेस्ट डीकम्पोजर (कचराध्अपशिष्ट अपघटक) नामक एक उत्पाद तैयार किया है, जिसका उपयोग अपशिष्ट कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने में किया जाता है, यह मृदा स्वास्थ्य सुधार के साथ-साथ पोध संरक्षण का कार्य भी करता है।
वेस्ट डीकम्पोजर देसी गाय के गोबर से निकला गया सूक्ष्म जीवों का संघ है जिसमे सभी प्रकार के कार्बनिक पदार्थो के अपघटक सूक्ष्म जीव सम्मिलित होते है। इसकी 30 ग्राम बोतल की कीमत 20 रूपए है।
डीकंपोजर घोल तैयार करने के लिए सबसे पहले 2 किलो गुड़ लेकर 200 लीटर क्षमता वाले प्लास्टिक के ड्रम में पानी के साथ अच्छी तरह मिलाते है तथा मिलाने के बाद पूरा पानी से भर देते है। ध्यान रखने वाली बात यह है की इसे छायादार स्थान पर ही रखते है। अब वेस्ट डीकम्पोजर की 1 बोतल को पानी में अच्छी तरह मिलाते है।
प्लास्टिक ड्रम में वेस्ट डीकंपोजर के समान वितरण के लिए लकड़ी की छड़ी से इसे रोजाना अच्छी तरह से हिलाते है। इस प्रकार 5-7 दिनों के बाद यह वेस्ट डीकम्पोजर का घोल उपयोग के लिए तैयार हो जाता है।
इस घोल से किसान बार-बार वेस्ट डीकंपोजर घोल तैयार कर सकते हैं, इसके लिए 20 लीटर वेस्ट डीकंपोजर घोल में 2 किलोग्राम गुड़ मिलाते है और 180 लीटर पानी मिलाया जाता है। इस प्रकार किसान जीवनभर के लिए इस वेस्ट डीकंपोजर से लगातार घोल को तैयार कर उपयोग में ले सकते है।
कम्पोस्ट खाद बनाने में वेस्ट डीकंपोजर का उपयोग किया जाता है। सबसे पहले छाया में एक प्लास्टिक की चादर बिछाते है तथा उस पर 1 टन फसल अपशिष्ट फैला देते है, अब इन फसल अपशिष्ट पर पानी का छिडकाव करते है और तैयार वेस्ट डीकंपोजर घोल की 20 लीटर मात्रा का छिडकाव करते है। इस परत पर के ऊपर फसल अपशिष्ट की एक और परत फैलाते है फिर से इस खाद की परत के ऊपर 20 लीटर वेस्ट डीकंपोजर घोल का अच्छी तरह छिड़काव करते है। इस प्रकार तैयार 200 लीटर वेस्ट डीकंपोजर को अपशिष्ट की 20 परतों के लिए काम में लेते है. खाद बनाने की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान व जब तक खाद बन ना जाये इसमें 60 प्रतिशत नमी बनाए रखते है तथा इसे प्रत्येक 7 दिनों के अंतराल पर पलटते रहते है। फिर 30 दिनों में खाद उपयोग के लिए तैयार हो जाती है।
वेस्ट डीकंपोजर एक जैविक हथियार है जो फसलों की कीट व बीमारियों से सुरक्षा करेगा तथा हर प्रकार से पोषण प्रदान करेगा. इससे किसानों का रसायनों पर होने वाला खर्च कम होगा व आमदनी बढेगी और साथ ही उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।