कृषि नवाचार तकनीकी को मन में उतारकर खेती में अपनाएं किसान – जिला कलेक्टर

फूल उत्कृष्टता केन्द्र पर दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ
कृषि नवाचार तकनीकी को मन में उतारकर खेती में अपनाएं किसान – जिला कलेक्टर
सवाई माधोपुर 9 मार्च। उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जिला मुख्यालय पर स्थित फूल उत्कृष्टता केन्द्र पर दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान भाई कृषि नवाचार तकनीकी को पहले अपने मन में उतारे फिर खेती में अपनाएं। उन्होंने समन्वित खेती को अपनाकर आय बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। साथ ही कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान सुविधाओं का लाभ उठाएं।
फूल उत्कृष्टता केन्द्र के उप निदेशक उद्यान (अनुसंधान) लखपतलाल मीना ने केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी। कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के प्रोफेसर (फ्लोरीकल्चर) डॉ. एन.एल. महावर ने रजनीगंधा एवं ग्लेडियोलस की खेती की तकनीकी का पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन किया। कृषि अनुसंधान केन्द्र दुर्गापुरा जयपुर के प्रोफेसर डॉ. आर.एस. मीना ने गुलाब, जरबेरा, डचरोज आदि फूलों के फसलोत्तर प्रबंधन एवं प्रसंस्करण की जानकारी दी। राजकीय महाविद्यालय के कृषि प्राध्यापक डॉ. विजय सिंह जाट ने पौधरोपण सामग्री के चयन एवं बीज उत्पादन प्रक्रिया बताई। राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड के अधीक्षण अभियंता गोपाल सिंह ने प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना पर अनुदान सुविधाओं की जानकारी दी। कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीना ने कृषि योजनाओं से किसानों को रूबरू कराया। परियोजना निदेशक (आत्मा) अमर सिंह ने खेती में नवाचार तरीके बताए। सेमिनार में जिले सहित करौली, दौसा, अजमेर, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, उदयपुर के प्रगतिशील किसानों एवं अधिकारी-कर्मचारियों सहित 100 संभागियों ने भाग लिया। सेमिनार का संचालन कृषि अनुसंधान अधिकारी दुर्गाशंकर कुम्हार एवं कृषि पर्यवेक्षक सुरेश स्वर्णकार ने किया। कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने बताया कि सेमिनार के द्वितीय दिवस में किसानों को संरक्षित खेती की जानकारी दी जाएगी। फूल उत्कृष्टता केन्द्र पर फूलों की खेती का जीवंत व प्रायोगिक प्रशिक्षण के साथ ही मुई (कुस्तला) में स्थापित अमरूद प्रसंस्करण यूनिट का भ्रमण कराया जाएगा।