संगीतमय भागवत कथा के अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु गंगापुर सिटी

संगीतमय भागवत कथा के अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु
गंगापुर सिटी 10 मार्च। बड़ी उदेई में मुनीम परिवार वालों के देव स्थान पर चल रही संगीतमय भागवतकथा में अंतिम दिन बुधवार को कथा श्रवण करने के लिए काफी संख्या में धर्मप्रेमी महिला-पुरुष उपस्थित हुए।
आचार्य कमलकिशोर शास्त्री की ओर से यदुवंश वर्णन द्वारका चरित्र एवं सुखदेव विदाई कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब जब संसार में धर्म की हानि और अधर्म का प्रभाव बढ़ने लगा है तब तब भगवान ने धरती पर अवतार लेकर पापियों का नाश किया है भगवान ने कहा कि पापियों का नाश करने के लिए महाभारत में उनको अर्जुन का सारथी बनना पड़ा। आचार्य सुखदेव कहते हैं कि अर्जुन भगवान शिव के अवतार थे इसलिए कृष्ण महाभारत में उनके सारथी बने भगवान ने कहा कि उनके 4 पदों में से अब कलयुग में मात्र 1 पद दान का शेष बचा है। आचार्य सुखदेव कहते हैं कि कलयुग में भगवान के एक दान के पद को ग्रहण कर व्यक्ति संसार सागर वाली सारणी नदी से पार हो सकता है लेकिन दान के लिए भी चार बातें कही गई प्रथम बात दान करने में व्यक्ति को देर नहीं करनी चाहिए जैसा कि कहा गया है तुरंत दान महा कल्याण इसी प्रकार दूसरी बात दान करते समय अहंकार नहीं करना चाहिए तीसरी बात दान का प्रचार नहीं करना चाहिए। भागवताचार्य कमल किशोर शास्त्री कारवार हिंडौन वालों ने
श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया गया। इसे सुन भक्त भावविभोर हो गए। इस दौरान श्रीकृष्ण-सुदामा व बाल सखाओं की झांकी पेश की गई। कथा में फूलों की होली भी खेली गई। भजनों पर भक्त नृत्य करने को विवश हो गए। अंतिम दिन भी कथा सुनने को बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी।
आयोजक संतोष गर्ग व सीताराम गर्ग ने बताया कि कथा का समापन गुरुवार को हवन में आहुति के साथ होगा। इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा। कथा की व्यवस्थाओं में श्रीराम गर्ग, जीतेन्द्र गर्ग, दिनेश गर्ग, लोकेश कुमार, आशीष गर्ग, विकास गर्ग, प्रियांशु, वंश, यश आदि का सहयोग रहा।