बाल अधिकारों के संरक्षण में कोताही नहीं बरते बाल आयोग

बाल अधिकारों के संरक्षण में कोताही नहीं बरते बाल आयोग
राउमावि लोरवाडा की प्रधानाचार्य को किया एपीओ
बाल आयोग ने अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा की
सवाई माधोपुर 10 मार्च। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता, जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन एवं आयोग के सदस्य डाॅ विजेन्द्र सिंह, डाॅ शैलेन्द्र पंड्या, शिव भगवान नागा, वंदना व्यास, नुसरत नकवी की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर बाल अधिकारों के संरक्षण तथा बाल कल्याण की योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि बालकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं को सभी विभाग एवं अधिकारी आपसी समन्वय के साथ मिलकर क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि जिले में ड्राॅप आउट बालकों को शत प्रतिशत विद्यालयों से जोडने का प्रयास करें। इसी प्रकार आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से बाल कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का पूरा लाभ बालकों को दिलाया जाए। उन्होंने पालनहार योजना को भिक्षावृत्ति एवं देह व्यापार से मुक्त करवाए गए बच्चों के लिए भी लागू करवाने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास करने का भरोसा दिलाया। आयोग की अध्यक्ष ने निजी विद्यालयों मंे बालकों को टीसी देने, फीस के लिये परेशान किए जाने के मामलों को रोकने के लिए स्पष्ट आदेश जारी करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए। बैठक में आयोग ने कुरीतियों को दूर करने, बाल विवाह रोकने के लिए सभी के समन्वित प्रयासों की बात कही। उन्होंने गुड टच- बेड टच के संबंध में कोमल फिल्म एवं जागरूकता के माध्यम से बच्चों को जागरूक बनाने पर जोर दिया। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 को जिले के सभी विद्यालयों में आवश्यक रूप से लिखे जाने की बात कही गई। इसी प्रकार विद्यालयों में गौरव पेटिका लगवाने तथा इसमें मिलने वाली शिकायतों का रजिस्टर संधारित करने पर जोर दिया।
आयोग ने पाॅक्सो एक्ट, बालश्रम, भिक्षावृत्ति, कुपोषित, अति कुपोषित बालकों के लिए किए जाने वाले प्रयास, बालिकाओं के लिए सेनेटरी नेपकिन सहित अन्य योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बालश्रम से रेस्क्यू कर मुक्त करवाए गए बालकों को मिलने वाली सहायता राशि के संबंध में जानकारी ली। जिले में टीकाकरण की स्थिति, बालकों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, विद्यालयों में बिजली, पानी की सुविधा, किशोर संप्रेषण गृह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संचालित छात्रावासों के संबंध में समीक्षा की।
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को जिले की स्थिति के संबंध में जानकारी दी तथा आयोग के संज्ञान में लाए गए प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने जिले के अधिकारियों की ओर से बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में समन्वित प्रयासांे एवं क्रियांविति की बात कही। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर डाॅ सूरज सिंह नेगी, एसडीएम कपिल शर्मा, एएसपी सुरेन्द्र दानोदिया, श्रृद्धा गौत्तम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ग्राम लोरवाडा के विद्यालय में बाल आयोग की टीम को विद्यालय में बालकों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने, अन्य व्यवस्थाओं का अभाव तथा स्टाफ में आपसी समन्वय नहीं होने की शिकायत मिली थी। टीम को अन्य अनियमितताएं मिलने पर आयोग द्वारा बैठक में इसकी समीक्षा की गई। राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने आयोग के सदस्यों के साथ बुधवार को विद्यालय का निरीक्षण किया तो सामने आया कि षिक्षक योगेष गर्ग और प्रधानाध्यापक माया बैरवा ने पूरे विद्यालय को आपसी संघर्ष का रणक्षेत्र बना रखा है। पूरे स्टाफ और विद्यार्थियों को भी गुटबाजी में बांट दिया है तथा पूरा समय षिक्षण के बजाय एक दूसरे के खिलाफ वाक युद्ध, ग्रामीणों व अभिभावकों के पास लाॅबिंग कर उनसे षिकायती पत्र लिखवाकर उच्चाधिकारियों को भेजने में बर्बाद कर रहे हैं।
कलेक्टर राजेन्द्र किशन द्वारा इस मामले में गहन मंथन एवं विचार विमर्श के बाद लोरवाडा स्कूल की प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से एपीओ करने के निर्देश मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। साथ ही एसडीएम सवाई माधोपुर की अध्यक्षता में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं सहायक लेखाधिकारी की जांच टीम बनाकर तीन दिन में विद्यालय में पहुंचकर गहनता से जांच करने एवं निष्पक्ष रिपेार्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।