कबाड़ में तब्दील हो रहे लाखों रुपए के वाहन-गंगापुर सिटी

कबाड़ में तब्दील हो रहे लाखों रुपए के वाहन

पुलिस कार्रवाई में जब्ती के बाद थाने में वाहन खुले में हो रहे खटारा-गंगापुर सिटी
पुलिस की ओर से बरामद किए वाहनों का लंबे समय से निस्तारण नहीं होने से कोतवाली थाने कबाड़ खाने की तरह लग रहा है। पुलिस की ओर की जाने वाली कार्रवाई में बिना दस्तावेज,लावारिश, दुर्घटनाग्रस्त व अन्य मामलों में वाहन को जब्त किया जाता है। इनमें से अधिकांश चोरी व दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इनके मामलों का लंबे समय तक निस्तारण नहीं हो पाता है। वही इनमें से अधिकतर वाहन सीमित होने के कारण मालिक इन्हे लेने ही नहीं आते है। कई वर्षो में एक-एक कर सैकड़ो वाहन थाने में एकत्रित हो गए है। ये वाहन हर मौसम में खुले में पड़े रहने से कबाड़ तब्दील हो रहे है।मालिक नहीं आते लेने
पुलिस की ओर छोटी-मोटी दुर्घटना या अन्य मामलें में वाहन को जब्त करने के बाद थाने में खड़ा कर दिया जाता है। चोरी होने वाले वाहन भी ज्यादातर वाहन बीमा शुदा होते है। वाहन मालिक वाहन का बीमा होने से बीमा कंपनी से क्लेम की राशि उठा लेते है। और जब्त छुड़वाने नहीं आते है। इससे जब्त वाहनों की तादात दिनों दिन बढ़ती रहती है।
लंबी नीलामी प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार पुलिस की ओर जब्त किए जाने वाले वाहनों की नीलामी प्रक्रिया लंबी व काफी जटिल होती है। पुलिस वाहन को जब्त करने के बाद थाने में खड़ा कर देती है। वहीं मामले का लंबी कानूनी प्रक्रिया के चलते लंबे समय तक निस्तारण नहीं होने से वाहन में पड़ा रहता है। सालों तक मामलों का निस्तारण नहीं होने से वाहन कबाड़ हो जाते है। ऐसे में नीलामी के दौरान लोग कबाड़ वाहनों को लेने में रूचि नहीं लेते है।
लाखों के वाहन होते खटारा
पुलिस की ओर से दुपहिया वाहन की जब्ती या बरामदगी के समय करीब तीस हजार रुपए कीमत अंकी जाती है। सालों तक मामले का निस्तारण नहीं होने से वाहन धूप सहित खुले में पड़े रहने से खटारा हालत में हो जाते है। ऐसे में नीलामी के समय इनकी स्थिति देख लोग खरीदना भी चाहते है। इससे लाखों के वाहन कबाड़ में बदल जाते है।
इनका कहना
विभिन्न प्रकरणों में जब्त वाहनों का शीघ्र ही निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए वाहनों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है।
कालूराम मीना पुलिस उपाधीक्षक गंगापुर सिटी