कृत्रिम घोंसलों से होगा चिड़ियों का संरक्षण-चौथ का बरवाड़ा

कृत्रिम घोंसलों से होगा चिड़ियों का संरक्षण
चौथ का बरवाड़ा 27 मार्च। विलुप्त हो रही घरेलू चिड़िया की सुरक्षा व संरक्षण के लिए कस्बे में एक नया प्रयोग किया गया है। कृत्रिम घोंसलों से इन पक्षियों का संरक्षण किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र में 100 घोंसले लगाए जायेंगे। घोंसलों की आपूर्ति स्वयंसेवी संस्था म्हारो बरवाड़ो फाउंडेशन करेगी।
संस्था ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए मिशन आरी चिड़ी शुरू किया है जिसके तहत संस्था पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से गोरैया संरक्षण की दिशा मे कार्य कर रही है। संस्था सहयोगी घोंसला लगाने के कार्य को शुरू कर चुके हैं। कृत्रिम घोंसला का आकार और प्रकार सामान्य तौर पर गौरैया के घोंसला से बड़ा है। उसकी बनावट लकड़ी से की गई है। घोंसला को विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जा रहा है। संस्था सहयोगी अनेंद्र सिंह आमेरा ने बताया कि दो से चार दिनों के भीतर कृत्रिम घोंसला को पक्षी अपना आशियाना के रूप में इस्तेमाल करने लगते हैं। पक्षी खरपतवार चोंच में लेकर आते हैं और घोंसला में रखते हैं। आठ से दस दिनों के भीतर पक्षियां इसमें रहने के लिए पूरी तरह से अभ्यस्त हो जाते हैं।
इसी क्रम मे आज कस्बे के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर मे कृत्रिम घोंसला लगाया गया इस अवसर पर चिकित्सा कर्मी अशोक कुमार सहित संस्था सहयोगी अनेंद्र सिंह आमेरा, विमल कुमार शकील मंसूरी, प्रवीण जांगिड़, संजय कुमार, दिनेश कुमार आदि मौजूद रहे।