बाल विवाह प्रतिषेध अभियान का शुभारम्भ

बाल विवाह प्रतिषेध अभियान का शुभारम्भ
सवाई माधोपुर 3 अप्रैल। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सवाई माधोपुर के तत्वाधान में अश्वनी विज, अध्यक्ष जिला प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) सवाई माधोपुर के निर्देशन में 3 अप्रैल को बाल विवाह प्रतिषेध अभियान का शूभारंभ करते हुए बाल विवाह रोकथाम हेतु जिले के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मानटाउन, गीता देवी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय साहूनगर, बालिका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर विद्यालयों में पैनल अधिवक्तागण व पैरालीगल वाॅलेन्टियर्स के माध्यम से विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
बाल विवाह रोकथाम हेतु जिला प्राधिकरण के पैरालीगल वाॅलेन्टियर मुकेश शर्मा व धनराज मीना ने विद्यालयों के बालक व बालिकाओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों के संबंध जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह एक कुप्रथा है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उन पर हिंसा, शोषण तथा यौन शेषण का खतरा बना रहता है। बाल विवाह लडकियों एवं लडको दोनो पर असर डालता है। यह प्राचीन काल में प्रचलित थी जब लडके लडकियों का विवाह बहुत ही कम उम्र मंे कर दिया जाता था। बाल विवाह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में होते रहे है। भारत सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू किया है। इस नियम के अनुसार विवाह के समय लडके की आयु 21 वर्ष व लडकी की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम आयु पर विवाह होने पर सम्बन्धित लोगों को दंडित किया जाएगा। बाल विवाह भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है। विवाह के लिए निर्धारित उम्र से कम उम्र पर शादी करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। हम सभी को बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठानी चाहिए। यदि कहीं पर बाल विवाह होता है तो उसका विरोध करना चाहिए। समाज में जागरूकता फैला कर ही हम इसको समाप्त कर सकतें है। पैरालीगल वाॅलेन्टियर्स ने बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों, रोकथाम व अन्य जानकारी के प्रचार-प्रसार हेतु पंपलेट्स का वितरण बालक-बालिकाओं को किया।
बाल विवाह प्रतिषेध अभियान का संचालन 30 जून तक किया जाएगा जिसके तहत बाल विवाह रोकथाम हेतु जिला एवं तालुका स्तर पर विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा।