आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति, उपेक्षा की शिकारकोरोना में आयुर्वेद को कोई बजट नहीं एलोपैथिक पर करोड़ों खर्च-गंगापुर सिटी

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति, उपेक्षा की शिकारकोरोना में आयुर्वेद को कोई बजट नहीं एलोपैथिक पर करोड़ों खर्च-गंगापुर सिटी

कोरोना के उपचार के लिए सरकार ने एलोपैथिक चिकित्सा के लिए खजाना खोल दिए वही जनप्रतिनिधियों ने भी राशि देने में कमी नहीं रखी एलोपैथिक चिकित्सालय के लिए विधायकों व सांसदों ने जिलेवार अपनी निधियों से लाखों करोड़ों की राशि जारी की सरकार में भी दवाएं व करोड़ों रुपए भेजे लेकिन कोरोना के उपचार में कारगर साबित हुए आयुर्वेद को कुछ भी बजट नहीं दिया गया कोरोना महामारी के विषम परिस्थितियों में आयुर्वेद चिकित्सा कर्मियों ने खुद के स्तर पर व्यवस्था कर निशुल्क काढ़ा वितरण किया एवं स्वास्थ्य विभाग ने एलोपैथिक अस्पतालों के लिए बेहिसाब दबाव थर्मल स्कैनिंग मशीनों टेस्टिंग किट एवं पीपी किट के नाम पर अरबों की खरीद कर दी।
आयुर्वेदिक अस्पतालों के लिए ना सरकार ने और ना ही जनप्रतिनिधियों ने बजट के नाम पर कोई राशि दी। प्रदेश में चिकित्सा विभाग को सामान्य तौर पर सालाना तकरीबन 12:00 सौ करोड़ का बजट दिया जाता है इसमें से मात्र 3 प्रतिशत आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर तथा शेष 97 प्रतिशत एलोपैथिक चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर खर्च होता है।
कोरॉना काल में सरकार में एलोपैथिक चिकित्सालय के लिए जिलेवार करोड़ों का अतिरिक्त बजट जारी किया चिकित्सा विभाग का टाइटल फंड के नाम पर राशि का आंकड़ा भी करोड़ों के पार रहा लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हुए आयुर्वेद पद्धति के लिए काढ़ा पिलाने तक का बजट नहीं दिया। उल्टे आवश्यक दवाओं की आपूर्ति रोक दी गई। कोरोना में कारगर सिद्ध दवाइयों की आपूर्ति भी नहीं की गई।
वही आयुर्वेद चिकित्सक संघ का कहना है की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने पर कोरोना खुद ब खुद प्रभावी हो जाता है लेकिन कोरोना में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं लक्ष्मी विलास, रस,संजीवनी वटी, गोली बात चले वातशलेशमिक ज्वर हर क्वाथ, गुडुच्यादी क्वाथ दशमूल क्वाथ त्रिकटु चूर्ण सितोपलादि चूर्ण तालीसदी चूर्ण गिलोय घनवटी गिलोय चूर्ण हिंग्वाष्टक चूर्ण चित्रकादि वटी टंकण भस्म सिंहनाद गुग्गुल योगराज गूगल किशोर गूगल त्रिफला गूगल कांचनार गूगल आदि की आपूर्ति नहीं की गई।
राजस्थान आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ सवाई
माधोपुर के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉक्टर अब्दुल मुक्तादिर खान ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ के अनुसार प्रदेश के अजमेर जयपुर टोंक और कोटा जिला में 11541 मरीजों को आयुर्वेदिक दवाई का सेवन कराने के बाद परिणाम जांच आ गया किसके शानदार और प्रभावी परिणाम मिले आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने वाले बाद की जांच में कोरोना पॉजिटिव नहीं पाए गए चिकित्सालय में दवाओं की आपूर्ति व बजट के संबंध में निदेशालय से मांग की गई विडंबना पूर्ण स्थिति रही की आयुर्वेद का प्रभावी परिणाम आने के बाद भी सरकार ने ए सहयोगात्मक रुख अपनाए रखा।सवाई माधोपुर जिले को जनप्रतिनिधियों से मिली राशि विधायक सवाई माधोपुर एक लाख, विधायक बोली एक लाख, विधायक गंगापुर सिटी 1 लाख रुपए दिए गए।