पहाड़ियों पर हरियाली लाने के लिए फेंके सीड बाॅल – चौथ का बरवाड़ा

पहाड़ियों पर हरियाली लाने के लिए फेंके सीड बाॅल
चौथ का बरवाड़ा 13 जून। पर्यावरण जीवन की वो इकाई है जिसके कारण पृथ्वी पर जीव जन्तुओं का अस्तित्व है। ये जीवन की वो नींव है जिसकी माता प्रकृति है। प्रकृति ने मनुष्य को सब कुछ दिया लेकिन बदले में हम उसे क्या दे रहे हैं? ये एक चिंतनीय सवाल है और इसके जवाब के लिए आपको कहीं दूर नहीं जाना होगा, अपनी खिड़की खोलिए और देखिए प्रकृति को मनुष्य ने किस कदर छलनी किया है। पेड़-पौधों की जगह प्लास्टिक ने ले ली है। फल-सब्जियों में खतरनाक कैमिकल घुल गया है।
इसी की चिंता करते हुए चैथ का बरवाड़ा की सामाजिक संस्था म्हारो बरवाड़ो फाउंडेशन ने पहाड़ियों और जंगलों में हरियाली लाने के लिए सीड बॉल्स तैयार कर थ्रो एंड ग्रो प्रणाली से सीड बॉल फेंके। ये सीड बॉल्स काले रंग के चारकोल में लिपटे वो बीज हैं, जिनके अंदर पर्यावरण को बचाने का अंश पल रहा होता है। ये बीज किसी भी खाली जमीन या जंगल पर फेंक दिए जाते हैं और इसके लिए जंगल के अंदर जाना भी जरूरी नहीं होता। गुलेल के माध्यम से इन्हें फेंका जा सकता है।
इसी कड़ी में रविवार को चैथ का बरवाड़ा के भोमिया घाटी वन क्षेत्र में सीड बॉल फेंके गए। उपखण्ड अधिकारी सुशीला मीणा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए सबसे पहले गुलेल के माध्यम से सीड बॉल फेंके। इससे पूर्व संस्था अनेन्द्र सिंह अमेरा ने इस तकनीक के विषय में सबको अवगत कराया। उपखण्ड अधिकारी ने इन प्रणाली को क्रांतिकारी कदम बताया और युवाओं के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा की कोरोना काल में पर्यावण और प्रकृति का महत्व सबको पता चल गया है। युवाओं की कोशिश प्रेरणा दायी है।
इस अवसर पर महेंद्र सिंह, अनेन्द्र सिंह, कपिल देव महावर, दिनेश वर्मा, रमाकांत वर्मा, सोनू धाकड़, मयंक अग्रवाल, राजेश सैनी, रिंकू सैनी, विनोद सैनी, विमल सैनी व मिशन से जुड़े अन्य सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में महेंद्र सिंह और विमल सैनी ने सबका आभार व्यक्त किया।