पत्रकारो के मानसिक उत्पीड़न एव झूठे मुकदमे के विरोध में सीएम, डीजीपी के नाम जिला कलेक्टर को सोपा ज्ञापन

पत्रकारो के मानसिक उत्पीड़न एव झूठे मुकदमे के विरोध में
सीएम, डीजीपी के नाम जिला कलेक्टर को सोपा ज्ञापन
टोंक 2 जुलाई। उदयपुर में पत्रकारों को षड्यंत्रपूर्वक झूंठे मामले में फसाने ओर सोशल मीडिया पर पत्रकारों के लिए आपत्तिजनक व अशोभनीय टिप्पणीया करने वाले पुलिस अधिकारी जितेंद्र आंचलिया व षड्यंत्र में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के टोंक जिलाध्यक्ष अजय जैन के नेतृत्व में जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक टोंक को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, ग्रह सचिव राजस्थान सरकार तथा डीजीपी के नाम ज्ञापन सौपकर कार्यवाही की मांग की।
जिलाध्यक्ष अजय जैन ने ज्ञापन में बताया की 27 अप्रेल को उदयपुर के एक वाट्सअप ग्रुप में प्रदेश के एक सबसे बड़े अखबार में मुख्य पृष्ठ में छपे एक लेख कमाई को लेकर कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा अखबार के वरिष्ठ सम्पादक की गलियां निकाली जा रही थी साथ ही पुलिस महकमे के आला अधिकारियों के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा था।
ग्रुप में शामिल वरिष्ठ महिला पत्रकार गीता सुनील पल्लई (टाइम्स ऑफ इंडिया) द्वारा उन पुलिस उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया को ग्रुप में अन्य महिला सदस्यों का हवाला देते हुए सयंम एव शालीनता बरतने के लिए कहा तो पुलिस अधिकारी ने अपनी गलती मानने के बजाय अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया और अगले ही दिन से महिला पत्रकार गीता सुनील पल्लई व उनका समर्थन करने वाले पत्रकार भूपेंद्र सिंह चूडावत पर विभिन्न प्रकार के दबाव व धमकिया दिलाने लग गए। यहां तक कि पत्रकार भूपेंद्र सिंह को एनकाउंटर तक का भय दिखाया। इन सबसे भी नही डरे तो डीएसपी जितेंद्र आंचलिया ने उदयपुर के ही हिरणमगरी थाने में कुछ पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत कर व अपने भाई यशवंत आंचलिया से मिलीभगत कर दोनो पत्रकारो के विरुद्ध षड्यंत्र रचकर गिरफ्तारी वाली धारा में एक झूँठा मुकदमा दर्ज करा दिया।ज्ञापन में लिखा है कि पत्रकार हितों की सुरक्षा के दावे करने वाली राजस्थान सरकार को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इस अवसर पर ज्ञापन देने वालो में संगठन के महामंत्री रोशन शर्मा, अब्दुल्ला, सलाउद्दीन, मुमताज, रफीउल्ला सहित अन्य पत्रकार साथी मौजूद थे।