ट्रेकमैनों को दो साल में भी नहीं मिले ‘रक्षक यंत्र’

ट्रेकमैनों को दो साल में भी नहीं मिले ‘रक्षक यंत्र’ गंगापुर सिटी

कोटा मंडल में ट्रेकमैन दो साल से ‘रक्षक यंत्र’ का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इन्हें अभी तक यह यंत्र नहीं मिल सका है। रक्षक यंत्र नहीं मिलने से ट्रेकमैन हादसों का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते ट्रेकमैनों द्वारा लगातार इस यंत्र की मांग की जा रही है। इधर, प्रशासन द्वारा जल्द ही यह यंत्र उपलब्ध कराए जाने की बात कही जा रही है।कर्मचारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड के तात्कालिन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेपी पांडे ने 5 फरवरी 2018 को एक पत्र जारी कर इस रक्षक यंत्र को ट्रेकमैनों को उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। कर्मचारियों ने बताया कि इस यंत्र की मदद से पटरियों पर काम करते ट्रेकमैन ट्रेन हादसों का शिकार होने से आसानी से बच सकते हैं।ट्रेन करीब 24 किलोमीटर दूर होने पर भी इस यंत्र की बत्ती जलने लगती है। साथ ही इसमें सायरन भी बजने लगता है। इसके अलावा यह वाइब्रेट भी होता है। यंत्र के इन संकेतों की मदद से ट्रेकमैनों को ट्रेन आने का पता चल जाता है और वह पटरियों से हट जाता है। इससे ट्रेकमैन ट्रेन हादसों का शिकार होने से बच जाता है।
एक दर्जन ट्रेकमैन हुए मौत का शिकारकर्मचारियों ने बताया कि पिछले पश्चिम-मध्य रेलवे में दो साल में एक दर्जन से अधिक ट्रेनमैन पटरियों पर काम करते समय मौत का शिकार हो चुके हैं। इनमें से 5 ट्रेकमैन कोटा मंडल हैं। 2020 में चित्तोडग़ढ और भरतपुर में ट्रेन से कटकर ट्रेकमैनों की मौत हुई। 2019 में भी ऐसी तीन घटनाएं सामने आई थीं। पूरे भारत में सैंकड़ों ट्रेकमैन रेल दुर्घटना का शिकार होते हैं। अगर यह यंत्र मिलता है तो ट्रेकमैन असमय मौत का शिकार होने से बच सकते हैं।परिक्षण के लिए पहुंचे कुछ यंत्र
कर्मचारियों ने बताया कि पश्चिम-मध्य रेलवे और साउथ-ईस्ट रेलवे में कुछ यंत्र आए हैं। लेकिन परीक्षण के नाम पर इन यंत्रों को अधिकारियों ने अपने पास रखा हुआ है। जब कि कर्मचारियों को देकर इन यंत्रों का फिल्ड में परीक्षण करना चाहिए।मामले को लेकर ऑल इंडिया रेलवे ट्रेकमैन यूनियन (एआईआरटीयू) ने आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियन के संगठन महासचिव अभय सिंह मीणा ने कहा कि ट्रेकमैनों की असामयिक मौतों को रेलवे गंभीरता से नहीं ले रही है। दो साल पहले रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद भी अभी ट्रेकमैनों को रक्षण यंत्र नहीं दिया गया है।
नहीं दिए सेफ्टी किट भी
 रेलकर्मचारियों ने बताया कि रेलवे ने ट्रेकमैनों को अभी तक विंटर जैकेट, ट्राउजर, ग्लव्स, स्नो बूट्स, कैप, सेफ्टी शूज, लुमिनोउस वेस्ट और ट्राइ कलर एईडी टोर्च आदि नहीं दी गई है। इनमें से मात्र विंटर जैकेट और शूज मार्च-अप्रैल 2019 में दिए थे, जबकि शूज हर 6 महीने में दिए जाने है।यदि समय रहते ट्रेकमैनों रक्षक यंत्र और सेफ्टी किट नहीं दी गई तो आंदोलन किया जाएगा।