रेल पटरिया चटकी, देखने लगा सर्दी का असर

रेल पटरिया चटकी, देखने लगा सर्दी का असर

मंडल में के्रक के आधा दर्जन मामले आए सामने-गंगापुर सिटी
तेज सर्दी का असर रेल पटरियों पर भी नजर आने लगा है पिछले 7 दिनों में ही पटरिया टूटने के करीब आधे दर्जन मामले सामने आए हैं। समय रहते घटना का पता चल गया इससे बड़ी दुर्घटना की आशंका टल गई। अधिकारियों ने बताया कि यह मामले गंगापुर रेलखंड में डुमरिया सहित आधा दर्जन कोटा मंडल के रोड स्टेशन के बीच आए हैं।मामले पकड़ में आते ही,पटलियों की मरम्मत की गई
अधिकारियों ने बताया कि कोटा मंडल में पिछले 8 माह में छोटे-बड़े मिलाकर पटरी क्रेक के 8 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से चार मामले सर्दी के पहले के हैं। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में पटरिया टूटने के कुल 16 मामले सामने आए थे।
लगातार जारी गश्त
अधिकारियों ने बताया कि कोटा मंडल में हर साल पटरी टूटने के एक से डेढ़ दर्जन तक मामले सामने आते हैं इनमें से सबसे ज्यादा मामले सर्दियों में आते हैं। समय रहते पटरी टूटने के मामले पकड़ने के लिए पकड़ने के लिए सर्दियों में लगातार गश्त कराई जाती है। इस साल भी पूरे कोटा मंडल में ट्रेकमैन पटरियों की लगातार गश्त कर रहे हैं। समय रहते पटरी टूटने के मामले पकड़ में आने पर बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है।
ट्रैक मैन के साथ होमगार्ड भी करते हैं गश्त
पटरियों की गश्त के लिए रेलवे ट्रेकमैनों के साथ होमगार्ड की सेवाएं भी लेती है। यह दोनों अपनी ड्यूटी के दौरान 2 किलोमीटर रेल खंड के तीन चक्कर काटते हैं। पूरे कोटा मंडल में करीबन 900 ट्रेकमैऔर होमगार्ड पटरियों पर गश्त करते हैं। यह गश्त  नवंबर से लेकर फरवरी तक कराई जाती है। सर्दी का दौर जारी रहने पर मार्च में भी गश्त की जाती है। इस बार होमगार्ड कम मिलने से एक-एक डिपो को 10 10 होमगार्ड दिए गए हैं। वही वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल का कहना है कि तेज गर्मी में अक्सर पटरियां चटकने के मामले सामने आते हैं। एहतियात के तौर पर पटरियों पर लगातार गश्त की जाती है।