आठ माह परिवार से दूर रहकर की मरीजों की सेवा-गंगापुर सिटी

आठ माह परिवार से दूर रहकर की मरीजों की सेवा-गंगापुर सिटी
देशभर में कोरोना के खौफ के डरने के बाद सामान्य चिकित्सालय के चिकित्सकों ने रात दिन एक करके मरीजों की सेवा के साथ-साथ उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक की अस्पताल से लेकर कोविड सेंन्टर तक भाग दौड़ कर उनका उपचार किया गया। यहां तक की अधिकांश मरीजों को जयपुर न भेजकर कोविड़ सेंन्टर पर ही दवा देकर उन्हें सही करके वापस घर भेजा गया।सामान्य चिकित्सालय के कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. मोहम्मद अकरम खांन ने बताया कि कोरोना काल में देशभर में मौतों की खबर आ रही थी। जो डरे हुए थे। इसके बाद भी उन्होंने परिवार से दूर रहकर कोरोना मरीजों को देखने के बाद उनका उपचार तक किया गया। उनका कहना है कि घर से अस्पताल और कोविड वार्ड में मरीजों को देखने के बाद दिन में दो तीन बार कपड़ों को बदलने व उनको धोने के बाद स्वंय सेटेलाइट होना। फिर दुसरे दिन धौए कपड़ों को अस्पताल पहनकर जाना रहता था। अगर आंधी रात को कोरोंना वार्ड से कोल आने पर तुरंत जाना पड़ता था।इसी प्रकार सामान्य चिकित्सालय के दूसरे चिकित्सक डॉ.आर.सी. मीना ने बताया कि कोरोना काल मार्च से अक्टूबर तक परिवार से दूर रहकर मरीजों की देखभाल कर उनका उपचार किया गया। इसके अलावा उन्होंने परिवार को सुरक्षित रखते हुए समय-समय पर सरकार की गाइडलाइन के मुताविक अस्पताल से घर जाने के बाद नहाने व दूसरे कपड़े बदलते थे। और बच्चें से दूरी बनाकर रहते थे। रात में आपतकालीन अस्पताल से कॉल आने पर उन्हें मरीजों को देखना पड़ता था। और फिर कपड़े बदलते थे। इसके अलावा दिन में 20 बार से अधिक सेटेलाइजर करने की प्रक्रिया अपनाई। परिवारजनों को खतरे से बचाने के लिए निजी होटल में भी रहकर मरीजों की देखभाल की। आज भी वो दिन देखने को सामने आते है। डॉ.आर.सी. मीना का कहना है कि अब दो माह से चेन मिला है।