रेलकर्मियों को अब एसी कोच में मिलेंगी सीमित सीटें

रेलकर्मियों को अब एसी कोच में मिलेंगी कम सीटें, घटाया कोटा-गंगापुर सिटी

रेल कर्मचारियों को अब वातानुकूलित (एसी) कोचों में कम सीटें मिलेंगी। रेलवे ने ऐसी कोचों से कर्मचारियों का कोटा घटा दिया है।रेल कर्मचारियों के लिए अब द्वतीय में एक और तृतीय श्रेणी के एसी कोच में दो सीटें निर्धारित की गई हैं।
ऐसे में अपने परिवार के साथ सफर करने वाले रेल कर्मचारियों के लिए परेशानी हो सकती है। अधिक सीटों के लिए कर्मचारियों को अब शयनयान श्रेणी के काचों में आरक्षण कराना होगा। स्लीपर कोचों में रेलवे ने पहले वाली व्यवस्था बरकरार रखी है। स्लीपर कोचों में कर्मचारी फ्री यात्रा पास में दर्ज सभी नामों का आरक्षण करा सकता है।
उल्लेखनीय है कि ट्रेन में मुफ्त सफर के लिए रेलवे अपने कर्मचारियों के लिए पास जारी करती है। कर्मचारी इस पास पर फ्री में आरक्षण करा सकते हैं।लेकिन इसके लिए रेलवे ने ट्रेनों में सीटे आरक्षित कर रखी हैं। निर्धारित से अधिक सीटें बुक कराने के लिए कर्मचारियों को पैसे खर्च करने पड़ते हैं या सामान्य कोच में सफर करना होगा है।
घाटा पूर्ति की कौशिश
माना जा रहा है कि रेलवे ने यह कदम कोरोना में हुए घाटे को पूरा करने के लिए उठाया है। कर्मचारियों के लिए सीटें बुक करने से रेलवे को कोई किराया नहीं मिलता। ऐसे में अन्य यात्री सीटें बुक करेंगे तो इनकों रेलवे को किराया देना होगा। इससे रेलवे की आय में वृद्धी होगी। राजधानी में भी तीन सीटें कर्मचारियों के लिए राजधानी ट्रेनों में भी द्वितीय में एक तथा तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित कोचों में दो सीटों का कोटा निर्धारित है। इसी तर्ज पर रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों में भी तीन सीटों का कोटा निर्धारित कर दिया है।उल्लेखनीय है कि रेलवे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में विभिन्न रियायते देती हैं। लेकिन कोरोना के कारण रेलवे द्वारा इन दिनों केवल स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इन स्पेशल ट्रेनों में रेलवे किसी भी यात्री को किराए में कोई रियायत नहीं दे रही। संभवत: यह भी एक कारण है कि रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों में पास पर सफर का कोटा घटा दिया हो। नियमित रुप से ट्रेन संचालन पर फ्री यात्रा पास पर यही कोटा निर्धारित रहेगा या पुराना कोटा लागू होगा, रेलवे ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा है।