एक वर्ष में ट्रेन से कटकर 18 ने जान गंवाई लापरवाही लील रही जिंदगी-गंगापुर सिटी

मौत की पटरियां

एक वर्ष में ट्रेन से कटकर 18 ने जान गंवाईलापरवाही लील रही जिंदगी-गंगापुर सिटी
दिल्ली-मुंबई रेल लाइन स्थित गंगापुर सिटी खण्ड में हादसों की संख्या में कोरोना काल में कमी आई है। इस खण्ड में आए दिन पटरियों पर मौत तथा दर्जनों लोग घायल होते है। गत वर्ष 2020 में 18 मौते हो चुकी है।रेल दुर्घटनाओं में मौतों का ग्राफ ट्रेने कम चलने से इस वर्ष घट गया है। अब तो इन्हें मौत की पटरियां कहा जाने लगा है। हर पटरी पर किसी न किसी का लाहू लगा हुआ है। रेलवे सूत्रों के अनुसार गंगापुर सिटी सेक्शन में पिछले वर्ष 2020में ट्रेन से कटकर 18 मौत हुई है। यह आंकड़ा गत वर्ष के मुकाबले बहुत कम है। वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक 56 जनों की रेल से कट कर मौत हुई थी।इधर, राजकीय रेलवे पुलिस के अनुसार इनमें से कई मौत तो ट्रेनों के पायदान पर बैठकर यात्रा करने वालों की हुई है। वही किसी की ट्रेन से गिरकर तो किसी की लाइन पार करते समय मौत हो गई। हादसे बढ़ने का प्रमुख कारण लाइन के पास आबादी क्षेत्र होना है। साथ ही पटरियों के दोनों और फेसिंग भी नहीं है। जानकारों का कहना है कि अगर लाइन के किनारे रेलवे प्रशासन फेसिंग लगा दे तो ये दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। रेलवे प्रशासन द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
फाटक व तीन पुलिया पर सबसे ज्यादा मौतें
यहां करौली व हिंडौन रेलवे फाटक व रेलवे तीन पुलिया पर सबसे ज्यादा रेल लाइन पार करते समय मौते हुई है। इन रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज नहीं है। रेलवे तीन पुलिया में पानी भरा होने के कारण लोग रेलवे लाइन पार करते समय ऐसे में उनकी मौत हो जाती है। जबकि रेलवे प्रशासन से कई बार रेलवे पुलिया में भरा पानी निकालने की मांग कर चुके है। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे आए दिन लोग हादसे के शिकार हो रहे है।
लोग भी रहते हैं लापरवाह
ऐसा नहीं है कि इन दुर्घटनाओं के लिए रेलवे प्रशासन ही जिम्मेदार है, लोगों की लापरवाही भी एक बड़ा कारण है। यात्री एक से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए सीधे ही पटरियों को पार करते हैं जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।स्टेशनों पर ओवरब्रिज होने के बावजूद लोग इसका उपयोग नहीं करते। इसके अलावा आरपीएफ भी समय-समय पर सीधे पटरियां पार करने वालों के खिलाफ कार्रवाही करती है फिर भी इसका लोगों में भंय नहीं रहता। विशेषकर यहां रेलवे स्टेशन बी केबिन के पास से लोग मोटर साइकिल व साइकिलों के साथ पटरियां क्रॉस करते रहते हैं और दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। वही आरपीएफ का कहना है कि सीधे रेलवे लाइन पार करने पर 200 से लेकर 300 रुपए तक जुर्माना किया जाता है। यात्रियों से पटरियां पार करने के लिए मना किया जाता है फिर भी लोग फुट ओवर ब्रिज का उपयोग कम करते हैं।
एक साल में, 18मौत
जीआरपी थाना क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं अधिक हुई है। जनवरी से दिसंबर तक 18 जनों की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ लोग ट्रेन की चपेट में आने अथवा गिरने से काल के ग्राफ बने है। कब कितनी मौत<स्रद्ब1>सूत्रों के अनुसार ट्रेन दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मौत जीआरपी के क्षेत्राधिकार में हुई है। जनवरी में 2,फरवरी में 4,मार्च में 3,अप्रेल में 0, मई में 1, जून में 1 ,जुलाई में 0,अगस्त में एक, सितंबर में 2, अक्टूबर में एक, नवंबर में0 और दिसंबर में 3 ट्रेन की चपेट में आने अथवा गिरने से मौत के शिकार हुए है। इनमें तीन अज्ञात भी शामिल है।
इनका कहना
पटरी पार करने वालों के खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल की ओर से कार्रवाई की जाती है। ट्रेन के आने का यात्रियों को सावचेत किया जाता है।
राजवीरसिंह मीना, थाना प्रभारी राजकीय रेलवे पुलिस गंगापुर सिटी।