अस्पताल में एक दिन में होती है 25 सोनोग्राफी,60 महिलाएं व पुरुष आते है- गंगापुर सिटी

वो दर्द से जूझते हुए भी करती हैं जांच का इंतजार

अस्पताल में एक दिन में होती है 25 सोनोग्राफी,60 महिलाएं व पुरुष आते है- गंगापुर सिटी
महिलाएं जिसमें वो दर्द और पीड़ा के दौर से गुजरती है,उसका एक जगह बैठना और खड़े होना असहनीय होता है इसके बावजूद उन्हे ंसामान्य चिकित्सालय में घंटों सोनोग्राफी कराने के लिए लाइन में गुजारना पड़ता है। अस्पताल में सोनोग्राफी कराने आई गर्भवती महिलाओं को न केवल लंबा इंतजार करना पड़ता है। बल्कि कई दिनों तक अस्पताल के चक्कर भी काटने पड़ते है।<स्रद्ब1>सोनोग्राफी के पर्याप्त इंतजमा नहीं है। यहां एक दिन में 25-30 महिलाओं की ही सोनोग्राफी होती है। जबकि यहां पर प्रतिदिन 50 से 60 महिला व पुरुष सोनोग्राफी के लिए आते है। ऐसे में कई मरीजों को निजी अस्पताल में कराने को मजबूर होंना पड़ रहा है। इसके चलते सोनोग्राफी के लिए 500 से 600 रुपए देकर सोनोग्राफी करानी पड़ती है।
एक ही मशीन,दूसरी आने पर हो सकती समस्या हल:सामान्य चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मशीन एक ही है। जबकि उपखण्ड का सबसे बड़ा अस्पताल में गर्भवती महिलाओं व पथरी के मरीज के लिए सोनोग्राफी के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। यहां एक दिन में मात्र 25 -30 से ज्यादा महिलाओं व पेट के दर्द के व्यक्तियों की सोनोग्राफी हो पाती है।सामान्य चिकित्सालय में सोनोग्राफी के लिए गंगापुर सिटी के अलावा, करौली जिले के सपोटरा,नादौती,बामनवास,पीपलाई,मण्डावरी आदि जगहों की महिलाओं व पुरष और युवक युवती जिनके पेट में दर्द है या पथरी से पीडि़त है सोनोग्राफी के लिए आती है।सोनोग्राफी के लिए सुबह आठ बजे से ही महिलाओं की कतार लगने लगती है।नंबर नहीं आने पर उन्हें निराश लौटना पड़ रहा है।
10 से 15 दिन का इंतजार
महिलाओं ने बताया कि तीन दिन पहले सोनोग्राफी कराने के लिए पंजीयन करा चुके है। लेकिन अभी तक हमारा नंबर सोनोग्राफी कराने का नहीं आया है। सोनोग्राफी होने के बाद ही इलाज शुरू होगा। सामान्य चिकित्सालय में सोनोग्राफी की एक ही मशीन होने के कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि 15 जनवरी को सोनोग्राफी कराने की तारीख दी गई है। चिकित्सक छुट्टी पर है तो सोनोग्राफी भी नहीं सामान्य चिकित्सालय में सोनोग्राफी करने के लिए दो चिकित्सक लगा रखा है। ऐसे में एक चिकित्सक ऑपरेशन कक्ष या डिलेवरी में व दूसरा चिकित्सक अवकाश पर चला जाए तो सोनोग्राफी की भी छुट्टी हो जाती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बहुत पीड़ा के दौर से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा साप्ताहिक अवकाश के दौरान भी यहां पर सोनोग्राफी नहीं होती है। रविवार या फिर किसी सरकारी अवकाश के दिन मात्र भर्ती महिलाओं की ही सोनोग्राफी होती है। इस दिन अन्य मरीजों की सोनोग्राफी नहीं की जाती है। इससे उन्हें निजी अस्पताल में जाने को मजबूर होना पड़ता है। चिकित्सा प्रशासन को चाहिए कि अवकाश के दौरान अगर सोनोग्राफी की सुविधा मिल जाए तो उन्हें काफी राहत मिल सकेगी।
इनका कहना
सोनोग्राफी के लिए मरीजों को हो रही परेशानी को दूर करने के लिए एक और नई सोनोग्राफी के लिए पत्र विभाग को लिखा जा चुका है। आने पर समस्याएं दूर हो जाएगी।
दिनेश गुप्ता, पीएमओं राजकीय सामान्य चिकित्सालय गंगापुर सिटी।