रेल्वे ट्रैक पर पशुओं को आने से रोकने के लिए किये जाएंगे प्रभावी उपाय -मुख्य सचिव

रेल्वे ट्रैक पर पशुओं को आने से रोकने के लिए किये जाएंगे प्रभावी उपाय
-मुख्य सचिव
 मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि रेल्वे ट्रेक पर पशु दुर्धटनाएं रोकने के लिए ट्रैक के किनारों पर ट्रेंचेज खोदने या फेंसिंग लगवाने जैसे उपाय अपनाए जाएंगे तथा नरेगा के माध्यम से यह काम कराने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालतू गाय, भैंसों, बकरियों तथा ऊंटों को चरने के लिए खुला छोड़ने की प्रवृति पर रोकथाम के लिए गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा तथा गोशालाओं को भी इस विषय में पाबंद किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने मंगलवार को सचिवालय में रेल्वे ट्रेक पर पशुओं की दुर्धटना के संबंध में जोधपुर डीआरएम श्रीमती गीतिका पाण्डेय, संबंधित विभाग के अधिकारियों तथा जिला कलेक्टरों के साथ हुई बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जोधपुर, जैसलमेर, पाली, बाडमेर, जालौर, नागौर बीकानेर तथा चूरू जिलों में लगभग 200 किलोमीटर लम्बा रेल्वे ट्रेक का क्षेत्र है, जो पशु दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील है। उन्होंने बैठक में पालतू पशुओं तथा आवारा पशुओं को ट्रेक पर आने से रोकने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की और विभाग के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों से भी इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए सुझाव मांगे।
श्री आर्य ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है तथा राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही इस संबंध में ठोस उपाय किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में यह क्षेत्र आता है उनकी पहचान कर ट्रैक के किनारों पर सुरक्षात्मक उपाय किये जाने के साथ साथ वहां के लोगों को भी इस विषय में जागरूक किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस काम में रेल्वे का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होंने जिला कलेक्टरों से अपने जिले के ऐसे हॉट स्पॉट चिह्नित करने के लिए कहा तथा कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग, परिवहन विभाग तथा पशुपालन विभाग को आपसी समन्वय से इस समस्या के समाधान के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ट्रैक के किनारों पर ट्रेंचेज बनाने से यदि इस समस्या का समाधान किया जा सकता है, तो इस कार्य को नरेगा के माध्यम से कराने पर भी विचार किया जाएगा।
बैठक के दौरान जोधपुर डीआरएम द्वारा इस संबंध में रेल्वे द्वारा समय समय पर किये गए प्रयासों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने बताया कि रेल्वे सुरक्षा बल के माध्यम से पशुधन बचाओ अभियान के तहत वृहद् स्तर पर गांव गांव में जन जागरूकता के काम किये गए। उन्होंने सुझाव दिया कि रेल्वे के डिस्कार्ड किये गये स्लीपर्स को भी फेंसिंग के काम में लिया जा सकता है।
इस अवसर परक कृषि, उद्यानिकी एवं पंचायती राज (कृषि) विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजी लाल मीणा, पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग शासन सचिव, डॉ. आरूषी मलिक उपस्थित थे। बैठक में शासन सचिव गामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग श्रीमती मंजू राजपाल, शासन सचिव, परिवहन विभाग श्री रवि जैन एवं जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, पाली तथा अन्य संबंधित जिलों के कलक्टर ने वीसी के माध्यम से भाग लिया।