राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए मुस्तैद है संवेदनशील प्रशासन और पुलिस – मुख्य सचिव

राज्य सरकार के महिला अत्याचार निवारण कदमों की संसदीय समिति ने की सराहना
राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए मुस्तैद है संवेदनशील प्रशासन और पुलिस – मुख्य सचिव
जयपुर, 6 जनवरी। राजस्थान के मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए प्रशासन और पुलिस व्यवस्था संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि आज बुधवार को नई दिल्ली के संसदीय परिसर में राज्यसभा की गृह कार्य संबंधी संसदीय स्थाई समिति की बैठक में ’महिलाओं और बच्चों के प्रति अत्याचार और अपराध विषय’ पर राजस्थान का पक्ष रखा। इस दौरान संसदीय समिति के सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की खूब सराहना की।
श्री आर्य ने कहा कि हमने संसदीय समिति के समक्ष राजस्थान में महिलाओं और आम लोगों के प्रति सरकार के संवेदनशील कदमों को विस्तार से रखते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी वजह थाने के स्तर पर एफ. आई. आर .दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षकों को पाबंद किया गया है कि किसी भी जरूरतमंद की एफ .आई. आर. अगर थाने में नहीं होती तो पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से एफ.आई.आर. करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस कदम के बाद पुलिस थानों में महिलाओं और आम नागरिकों के प्रति जवाबदेही में बढ़ोतरी तथा निर्वाध और स्वतंत्र रूप से एफ .आई. आर. दर्ज होने लगी है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाने के निर्णय को भी संसदीय समिति ने सराहा। स्वागत कक्षों के बनने के बाद महिलाओं और आम नागरिकों को थानों में जाकर निर्बाध रूप से अपने परिवादों को दर्ज करवाने आराम हुआ है अभी तक प्रदेश के करीब 282 थानों में स्वागत कक्ष बनाए जा चुके हैं। श्री आर्य द्वारा संसदीय समिति के समक्ष प्रदेश में बनाए गए अभय कमांड सेंटरों, प्रत्येक थाने में निश्चित रूप से स्थापित महिला डेस्कों, तथा पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण सुनिश्चित करने के राज्य सरकार के कदमों को विस्तार से रखा गया, इन सभी कदमों की संसदीय समिति ने खूब प्रसंशा कि और अन्य राज्यों को भी अनुसरण करने की सलाह दी। श्री आर्य ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने तथा अनिवार्य रूप से एफ आई आर दर्ज करवाने तथा महिलाओं और आम नागरिकों को निश्चित रूप से न्याय दिलवाने के लिए उठाए गए संवेदनशील कदमों की वजह से मुकदमों के दर्ज होने में वृद्धि होने का मतलब यह नहीं कि अपराधों में वृद्धि हुई है।उन्होंने संसदीय समिति के समक्ष निर्भया फंड से जुड़े हुए सभी पक्षों को विस्तार से रखा और बताया कि इस फंड के सदुपयोग के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
संसदीय समिति के समक्ष महिलाओं और बच्चों के प्रति अत्याचार और अपराध विषय पर राज्य का पक्ष रखने के अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री मोहनलाल लाठर तथा श्री गौरव श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।