प्रदेश भर में 14 जनवरी से पशुकल्याण पखवाड़े का होगा आयोजन

प्रदेश भर में 14 जनवरी से पशुकल्याण पखवाड़े का होगा आयोजन
जयपुर, 7 जनवरी। प्रदेश भर में 14 जनवरी से 31 जनवरी 2021 तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जाएगा। जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम व दया भाव जाग्रत करने के लिए पशुपालन विभाग के सभी कार्मिक को निर्देशित किया है कि कार्मिक अपने कार्यों के साथ-साथ पखवाड़े को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।
निदेशक पशुपालन डॉ. विरेन्द्र सिंह ने बताया कि संयुक्त निदेशक जिलों में प्रत्येक पशुचिकित्सा संस्था पर एक-एक बांझ निवारण एवं पशु शल्य चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर अधिक से अधिक संख्या में पशुओं को लाभान्वित करेंगे। शिविर आयोजन के अवसर पर पशु क्रूरता के सम्बन्ध में जन सामान्य को आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए यह भी बताया कि पखवाड़े के दौरान संयुक्त निदेशक अपने जिलों में पशुचिकित्सा अधिकारियों एवं पशुचिकित्सा कर्मचारियों की नोडल स्तर पर जनवरी के प्रथम सप्ताह में बैठक का आयोजन कर पशु क्रूरता निवारण अधिनियमों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन करेंगे और आवश्यक पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रत्येक तहसील/पंचायत समिति नोडल स्तर पर पशुकल्याण गोष्ठी का भी आयोजन करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि समस्त पशु चिकित्सा संस्थाओं द्वारा ग्राम पंचायताें, नगर पालिकाओं एवं गौशालाओं में चेतना शिविर, पशु कल्याण जन जागृति रैली भी आयोजित करेंगे। पशु कल्याण पखवाड़े में जिले की सभी पशुचिकित्सा संस्थाओं में सर्दी/गर्मी से पीड़ित पशुओं को राहत देने के लिए सम्बन्धित गौशाला प्रबन्धन से आवश्यक उपाय करवाएं व ग्राम पंचायत के संचालित पशु खैलियों की सफाई के बाद जन सहयोग से सफेदी करवाकर पुनः जल से भरवाया जाएगा।
गौशालाओं का समय-समय पर नोडल अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर उनके लिए साफ, स्वच्छ एवं स्वास्थ्य वर्धक वातावरण का निर्माण किया जाएगा। पशुओं के संवर्गवार पृथक-पृथक आवास एवं खाने की व्यवस्था की जाएगी व रूग्ण एवं अपंग पशुओं के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
निदेशक पशुपालक ने बताया कि मकर संक्राति के अवसर पर प्रातः 7 बजे से रोगी एवं पतंगबाजी से घायल पक्षियों को संरक्षण प्रदान करेंगेें तथा उन्हें तत्काल चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी। पतंगबाजी के लिए चाईनीज मांझे पर प्रतिबन्ध रहेगा और पतंगबाजी का समय प्रातः10 से सायं 4 बजे तक निर्धारित किया गया हैं।
पशु परिवहन नियम 1978 के नियम 56 में उल्लेखित वाहन (ट्रक/टैम्पों) द्वारा पशु परिवहन के दौरान निर्देशों की पालना नहीं करने वाले व्यक्तियाें के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी तथा पशुओं को वाहनों में अनियमित रूप से भरकर परिवहन करने पर भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि धर्म के नाम पर दी जाने वाली पशु बलि पर एवं पशु कल्याण पखवाड़े के दौरान 26 जनवरी से गणतंत्र दिवस एवं 30 जनवरी 2021 को सर्वोदय दिवस के अवसर पर राज्य में पशु-पक्षियों के वध एवं मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।