बालिका अधिकार चेतना सप्ताह का समापन

बालिका अधिकार चेतना सप्ताह का समापन
सवाई माधोपुर । न्यायाधिपति संगीत लोढ़ा, प्रषासनिक न्यायाधीष, राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में 18 जनवरी से मनाये जा रहे बालिका अधिकार चेतना सप्ताह का राज्य स्तरीय समापन समारोह 24 जनवरी को वेबिनार के माध्यम से आयोजित किया गया।
वर्चुअल समापन समारोह में अपने स्वागत उद्बोधन में बृजेन्द्र जैन, सदस्य सचिव, रालसा ने सभी प्रतिभागियों को बालिका दिवस की बधाई देते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि उक्त अभियान के दौरान तीन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसके अन्तर्गत आॅल इंडिया रेडियो पर हौसले की उड़ान कार्यक्रम का प्रसारण प्रतिदिन सांय 5 से 5.30 बजे तक किया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बालिकाओं से संबंधित कानूनों, जन कल्याणकारी योजनाओं, तथा महिला अधिकारों के बारे में बताया गया। बालिका दिवस के अवसर पर दो विषेष कार्यक्रमों का आयोजन टी.वी के माध्यम से एवं वर्चुअल माध्यम से किया गया। टी.वी. कार्यक्रम में एक विषेष परिचर्चा का आयोजन 21वीं सदी में बालिकाओं के समक्ष अवसर एवं चुनौतियों विषय पर किया गया जिसमें महिला अधिकार के क्षेत्र में कार्यरत प्रबुद्ध महिलाओं के द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए।
समारोह में बालिकाओं के अधिकारों पर रचित विषेष गीत एवं लघु फिल्मों के माध्यम से बालिका अधिकारों की जानकारी दी गयी। ब्रजेन्द्र जैन सदस्य सचिव, रालसा ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व तालुका विधिक सेवा समितियों के पदाधिकारियों द्वारा बालिका दिवस को पूरे सप्ताह के रुप में मनाया गया जिसके तहत विभिन्न विधिक सेवा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
माननीय न्यायाधिपति संगीत लोढ़ा, प्रषासनिक न्यायाधीष राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपने उद्बोधन में बताया कि गार्गी, मैत्रेयी, प्रतिभा पाटिल, अहिल्या, मीरा बाई जैसी महान नारियों के समान कोई भी बालिका महानता को छू सकती है। माननीय न्यायाधिपति ने कहा कि बालिकाओं को भी उनका अनुसरण करते हुए अपनी प्रतिभा को विस्तार देना चाहिए। यह संदेष भी उन्होंने दिया कि किसी भी बदलाव की शुरूआत सर्वप्रथम अपने घर से ही होती है। माननीय न्यायाधिपति का संदेष है कि बदलाव अपरिहार्य है और समाज को बदलना ही होगा तथा बालिकाओं को भी बालकों के समान बराबरी का अधिकार देना होगा।
इस राज्य स्तरीय वेबीनार में संजय निराला, बाल अधिकार विषेषज्ञ, यूनीसेफ, सौरभ स्वामी, निदेषक माध्यमिक षिक्षा, राजस्थान सरकार, श्रीमति गायत्री राठौड़, सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
श्रीमति अर्चना मिश्रा निदेषक रालसा ने बालिका दिवस मनाये जाने के उद्ेष्य के बारे में बताते हुए बालिकाओं के प्रति समाज को संवेदनषील होना चाहिये यह व्यक्त किया तथा बालिकाओं के सषक्तिकरण पर बल दिये जाने को रेखांकित किया। उन्होने वेबीनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों व पदाधिकारियों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।