न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानहानि का लिया प्रसंग ज्ञान-गंगापुर सिटी

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानहानि का लिया प्रसंग ज्ञान-गंगापुर सिटी

सलोना गांव में केदार मीना के खिलाफ एक राय होकर गांव में पंचायत कर उस पर 21 लाख रुपए का दण्ड देने का पंचायत ने जो फैसला सुनाया था। उस फैसले के विरोध में परिवादी सलोना गांव निवासी केदार पुत्र देवनारायण मीना ने न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो में आरोपितों के खिलाफ एक इस्तगासा अन्तर्गत धारा 190सीआरपीसी पेश करने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो की मजिस्ट्रेट सुमन मीना ने पंचायत में शामिल लोगों के खिलाफ धारा 500भा.द.स.का दोषी मानते हुए उन लोगों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया गया।
परिवादी के अधिवक्ता विवेक पाठक व एडवोकेट फारुक खांन ने बताया कि ग्राम सलोना में पंचायत&ठ्ठड्ढह्यश्च; कर ग्राम कैमला के रमण टेकचन्द्र, राजपाल, हरकेश,रामचरण,व ग्राम खंूटेला के श्रीफूल पूर्व सरपंच बच्चू सिंह मीना, व ग्राम थ्ली के हुकम गुर्जर, सुबुद्धि गुर्जर व रालोनी के बने सिंह व आदर्श नगर गंगापुर सिटी के प्रहलाद मीना ने परिवादी केदार के खिलाफ पंचायत कर एक राय होकर 21 लाख रुपए का दण्ड अधिरोपित किया था। जिसमें से 20 लाख रुपए परिवादी की पुत्रबधु को व एक लाख रुपए पंचायत को अदाकरने के लिए कहा था। 21 लाख रुपए नहीं देने पर परिवादी केदार को समाज से बहिष्कृत करने की घोषणा की थी। इस पर परिवादी की ओर से एक परिवाद न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो सुमन मीना की अदालत में पेश किया गया। जहां सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने पंचायत में शामिल लोगों के खिलाफ धारा 500 भा.द.स.का दोषी मानते हुए उन लोगों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया गया।