मरीज को कतार में लगने व डॉक्टर का इंतजार नहीं करना होगा
संजीवनी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें और घर बैठे ऑनलाइन उपचार की व्यवस्था-गंगापुर सिटी
आपको घर बैठे इलाज की सुविधा लेना चाहते हैं। तो आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए। इस स्मार्टफोन के जरिए कोई भी व्यक्ति घर बैठे मुफ्त में ऑनलाइन इलाज ले सकता है।
कोरोना काल में सरकार ने टेली मेडिसन की सुविधा को बंद कर दिया था उसी तर्ज पर पिछले साल मई माह में संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया। जिस पर कोई भी मरीज अपने मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करा सकता है। उसके बाद हाथों मोबाइल की स्क्रीन पर टोकन नंबर आएगा। जिसके आधार पर वीडियो कॉल की भांति डॉक्टर और पेशेंट की बात होगी। हॉस्पिटल में बेटा डॉक्टर पेशेंट से उसी बीमारी के बारे में पूछने के साथ फिजिकल देख सकता है। जो डसॅक्टर दवा लिखेगा। उसकी पर्ची भी संबंधित मरीज के मोबाइल पर आएगी।जिस का प्रिंट निकाल कर मरीज किसी भी सरकारी अस्पताल पीएचसी सीएचसी से दवा ले सकते हैं। ई-संजीवनी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना बहुत ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले प्ले स्टोर से ई -संजीवनी ओपीडी पोर्टल डाउनलोड करना होगा।
फिर पोर्टल पर मोबाइल नंबर कोई भी व्यक्ति उस पर रजिस्ट्रेशन करा सकता है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद हाथों-हाथ टोकन नंबर मिलेगा। जिसे सबमिट करने पर ऑपरेटर के पास कॉल की जाएगी।फिर ऑपरेटर के मार्फत डाक्टर की पेसेंट से बात होगी। इस प्रक्रिया में दो से पांच मिनट का समय लगेगा।
ई -संजीवनी पोर्टल के जरिए उपचार और रज्रिस्ट्रेशन सुविधा सिर्फ सुबह नौ से दोपहर 3 बजे तक की है। यानी सिर्फ हॉस्पिटल में ही मरीज ऑनलाइन इलाज परामर्श ले सकते हैं। चिकित्सक जो दवा लिखेगा।
उसकी पर्ची मोबाइल पर आएगी फिर मरीज उसे कहीं से प्रिंट करा कर किसी भी सरकारी हॉस्पिटल से दवा ले सकते हैं प्रदेश में कहीं भी कॉल लग सकता है। संजीवन पोर्टल राष्ट्रीय है लेकिन आज स्टैंड राज के आधार किए जाते हैं यानी राजस्थान के मरीजों को राजस्थान दर्ज करना होगा। मोबाइल नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन होने पर फिर टोकन नंबर के मार्फत कॉल पर ऑपरेटर द्वारा मरीज की बातों से बात कराई जाती है। इससे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज और डॉक्टर की बात वीडियो कॉलिंग की बात की होगी।यानी दोनों एक दूसरे से बात करने के साथ देखने की सुविधा भी है।
गौरतलब यह है कि ऑपरेटर को जहां भी डॉक्टर उपलब्ध होगा वहीं से बात कराई जाती है। इसमें प्रदेश भर के सरकारी हॉस्पिटल जुड़े हुए हैं। घर बैठे उपचार में बहुत ही मददगार है। सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ दिनेश गुप्ता ने बताया कि ई संजीवनी पोर्टल के जरिए घर बैठे इलाज में बहुत ही मददगार है। इस पर कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है। फिर टोकन नंबर द्वारा डॉक्टर से बात कर घर बैठे मुफ्त में इलाज और पर्ची का प्रिंट आउट लेकर सरकारी हॉस्पिटल से दवा फ्री मिलती है।