फर्जी पट्टा जारी करने का मामला में मामला दर्ज-गंगापुर सिटी

फर्जी पट्टा जारी करने का मामला नगर परिषद के निवर्तमान आयुक्त सहित 14 के खिलाफ मामला दर्ज-गंगापुर सिटी

कोली पाड़ा नंबर तीन स्कूल के पास में कोली समाज के लिए यूआईटी से 1970 में आवंटित की गई जमीन की फर्जी पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में निवर्तमान आयुक्त सहित 14 जनों के खिलाफ इस्तगासा के जरिए कोतवाली थाना पुलिस में मामला दर्ज हुआ है। न्यायालय एसीजेएम ने बुद्धाराम कोली पुत्र जीवनराम कोली समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष ने आरोपितों निवर्ततान आयुक्त सौरभ जिन्दल,क्लर्क सुरेश महावर,रमेश चंद ,घासीलाल,कमलेश कुमार,हेमराज कोली,प्रभू लाल कोली बाबूलाल महावर,रमेश चंद, परसादी, सुआलाल, राजू कोली, हरीश कुमार कोली,आदि के खिलाफ 420, 467, 468, 471,120 बी आईपीसी में दर्ज हुआ है।
मुस्तगीस कोली समाज की एक कोली समाज कल्याण समिति बनी हुई है। जिसका पंजीयन है। पूर्व कोली समाज की एक समिति महावर विकास समिति के नाम बनी हुई है। इसके अलावा कोई समिति बनी हुई नहीं है। 30 मई 1970 को एक प्रार्थना पत्र नगर सुधार न्यास गंगापुर सिटी को धर्मशाला आवटन के लिए पेश किया गया था। जिस प्रार्थना पर नगर सुधार न्यास गंगापुर ने योजना 22 मार्च 1971 को भूखण्ड संख्या 164 व 165 स्थित नसिया कोलोनी गंगापुर पंच कोली समाज को आंवटित किए। आवंटन के बाद कोली समाज द्वारा सामूहिक रूप से चन्दा इकट्ठा कर धर्मशाला निर्माण के लिए भूखएडों के चारों ओर बाउण्ड्रीवाल कर लोहे का गेट लगवाया व अन्य करवाए।
164 व 165 गंगापुर की घनी आबादी में स्थित होने के केारण समाज के कुछ लोगों के दिलों में इस भूखण्डों को हड़प करने की योजना बनाई गई। जिसके चलते नारायण लाल नाम के व्यक्ति ने स्वंय के नाम से निर्माण स्वीकृति के लिए एक आवेदन नगर पालिका गंगापुर सिटी में पेश किया गया। 28 अक्टूबर 1988 को समाज के गणमान्य पांच व्यक्तियों जिनमें सुन्दर लाल सुआलानल मुरारीलाल व घासी लाल व मुस्तगीस को इस भूखण्डों की सुरक्षा व संरक्षा की जिम्मेदारी दी गई जिसके आधार पर उन लोगों द्वारा भूखण्डो के संबंध में विभिन्न अदालतों में समय समय पर की है।
सभागीय आयुक्त कोटा के यहां 13 अक्टूबर 1997 को निगरानी स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया कि भूखण्ड पंच कोलियान समाज को आवंटित किए गए है। 5 मार्च 2013 को एक पंच कोली समाज धर्मशाला निर्माण समिति का गठन किया गया। तब उसमें 15 सदस्य बनाए गए। आरोपित रमेश चंद व उसके सहयोगियों की फजीयत उजागर ना हो पावे। इस उद्देश्य से रमेश चंद व उसके सहयोगियों ने 500 रुपए के नोन ज्यूडिसियल स्टाम् पर 6 मई 2016 को राजीनामा लिख दिया गया। जिसमें घायसीलाल महावर ने अपने हस्ताक्षर 6 मई 2016 को  व रमेश एवं हरीश कोली ने कर दिए गए। बाद में फर्जी पंच कोली समाज संस्था का गठन किया गया। फर्जी संस्था का गठन कर रजिस्ट्रेशन सहकारी संस्था में 13 जनवरी 2017 को कराया गया।