कोटा। कोटा-देहरादून नंदा देवी ट्रेन (12401) में टीटीई (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) गणेश सिंह के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में भरतपुर जीआरपी ने सात यात्रियों को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ ने मंगलवार को इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह मामला लगभग डेढ़ साल पुराना है।
घटना: गत वर्ष 18 फरवरी को कोटा-देहरादून नंदा देवी ट्रेन (12401) में ड्यूटी के दौरान भरतपुर-मथुरा के बीच वेटिंग लिस्ट के इन सात यात्रियों ने कोटा के टीटीई गणेश सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया था।
पहला मोड़: टीटीई गणेश सिंह ने इन यात्रियों के खिलाफ मथुरा जीआरपी में शिकायत दी, जिन्होंने खुद को एक रिटायर्ड आरपीएफ अधिकारी का रिश्तेदार बताया था। लेकिन मथुरा जीआरपी ने उल्टा गणेश सिंह के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया था।
कोटा टीटीई का विरोध: इससे नाराज़ कोटा के टीटीई समुदाय ने तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय को मामले से अवगत कराया, जिसके बाद तत्कालीन डीसीएम आशीष रावलानी ने जीआरपी एसपी से बात कर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद भरतपुर जीआरपी ने 7 यात्रियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
इस मामले में कोटा मंडल की जांच में जीआरपी मथुरा की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई को निरस्त करते हुए, टीटीई गणेश सिंह के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति को रद्द कर दिया गया तथा जीआरपी मथुरा को दोबारा जांच के लिए बाध्य किया गया।
दोबारा जांच में दबाव: इसी साल 4 जनवरी को शुरू हुई दोबारा जांच में मथुरा जीआरपी पर यह आरोप लगा कि उन्होंने वेटिंग लिस्ट के इन 7 यात्रियों को गणेश सिंह के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया।
अंततः, भरतपुर जीआरपी की कार्रवाई के बाद इन सभी यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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