राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व में होगा एनिमल डिजीज सर्वे, मुकुंदरा से हुई शुरुआत

राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व में होगा एनिमल डिजीज सर्वे, मुकुंदरा से हुई शुरुआत

सवाईमाधोपुर। राजस्थान के बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (MHTR), कोटा में डिजीज सर्विलांस सर्वे शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य बाघों और अन्य वन्यजीवों को संभावित बीमारियों के खतरे से बचाना है।


 

📉 मुकुंदरा में बाघों की मौत का इतिहास

 

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वर्ष 2020 से 2023 के बीच तीन वयस्क बाघ और दो शावकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, एक वयस्क बाघ और एक शावक अभी भी लापता हैं। इन घटनाओं के बाद यहां पर्यटन पर भी प्रतिकूल असर पड़ा था। अब टाइगर कुनबे को बढ़ाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं और मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से बाघिन लाने की तैयारी चल रही है।

 

🔬 डिजीज सर्विलांस सर्वे: उद्देश्य और प्रक्रिया

 

वन्यजीवों के स्वास्थ्य की जांच के लिए WII द्वारा यह डिजीज सर्विलांस सर्वे शुरू किया गया है।

  • प्रथम चरण पूरा: सीसीएफ एसआर जाट ने बताया कि सर्वे का पहला चरण पूरा हो चुका है और सैंपल एनालिसिस जारी है।

  • सर्वे क्षेत्र: यह सर्वे 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया जा रहा है।

  • नमूना संग्रह: इसमें शाकाहारी वन्यजीवों के साथ-साथ आसपास के घरेलू मवेशियों के रक्त, मल-मूत्र के नमूने लेकर पीसीआर (PCR) टेस्ट किए जा रहे हैं।

  • लक्ष्य: इसका मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि कहीं बीमारियां मवेशियों से वन्यजीवों तक तो नहीं पहुंच रही हैं।

 

🐄 वन्यजीव और मवेशियों का इंटरेक्शन खतरे का कारण

 

सीसीएफ एसआर जाट ने बताया कि जंगल में शाकाहारी जानवर और मवेशी अक्सर एक साथ घास चरते हैं। ऐसे में यदि किसी मवेशी में कोई संक्रामक बीमारी होती है, तो वह आसानी से बाघ या अन्य वन्यजीवों तक भी पहुंच सकती है। इस खतरे को देखते हुए, स्थानीय पशु अस्पतालों और ग्रामीण आबादी से भी स्वास्थ्य संबंधी डेटा एकत्र किया जा रहा है।


 

➡️ अन्य रिजर्व में भी होगा सर्वे का विस्तार

 

वन विभाग के अनुसार, वर्तमान में यह सर्वे केवल मुकुंदरा में हो रहा है।

  • रिपोर्ट साझा: इसकी रिपोर्ट आने के बाद इसे राजस्थान के अन्य टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा।

  • विस्तार: चूंकि प्रदेश के सभी रिजर्व में रणथम्भौर के ही बाघ-बाघिन हैं, इसलिए इस सर्वे के परिणामों के आधार पर इसका विस्तार रणथम्भौर समेत राजस्थान के अन्य टाइगर रिजर्व तक भी हो सकता है।

उपवन संरक्षक, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा मुत्थु एस ने कहा, "पूर्व में मुकुंदरा में 2020 के आसपास कई बाघ-बाघिनों की मौत हो गई थी। ऐसे में डब्ल्यूआईआई की ओर से एनिमल डिजीज सर्वे कराया जा रहा है। फिलहाल यह केवल मुकुंदरा में हो रहा है। इसकी रिपोर्ट को सबके साथ शेयर किया जाएगा।"


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