करौली। करौली जिले में शिक्षा के गिरते स्तर और बदहाल शैक्षणिक ढांचे को सुधारने की चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। जिले में हजारों की संख्या में सरकारी स्कूल क्षतिग्रस्त और जर्जर हालत में पाए गए हैं, जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए जोखिम भरा माहौल पैदा कर रहे हैं।
सरकार और जिला कलेक्टर (DM) नीलाभ सक्सेना के निर्देश पर सरकारी स्कूलों की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक विशेष निरीक्षण अभियान चलाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी (CDO) गोपाल मीना और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (DEO) इंद्रेश तिवाड़ी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की 13 टीमों ने जिलेभर में निरीक्षण कार्य किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी स्कूलों की जमीनी स्थिति का जायजा लिया।
इस निरीक्षण के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। पूरे जिले में कुल 1455 सरकारी स्कूल क्षतिग्रस्त और जर्जर हालत में मिले हैं। CDO गोपाल मीना ने इन सभी स्कूलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा निदेशालय और जिला कलेक्टर को भेजी है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जिलेभर के इन स्कूलों की दुर्दशा सुधारने और उन्हें छात्रों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए करोड़ों रुपये के बजट की तत्काल आवश्यकता है।
यह स्थिति करौली जिले में शिक्षा के बुनियादी ढांचे की गंभीर चुनौतियों को दर्शाती है और इस पर त्वरित सरकारी ध्यान और पर्याप्त वित्तीय आवंटन की मांग करती है ताकि छात्रों को एक सुरक्षित और अनुकूल सीखने का माहौल मिल सके।
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