मुकुंदरा से निकलकर रेल पटरी पर पहुंचा भालू: पत्थरों से घायल कर वन विभाग ने किया ट्रेंकुलाइज, मौत

मुकुंदरा से निकलकर रेल पटरी पर पहुंचा भालू: पत्थरों से घायल कर वन विभाग ने किया ट्रेंकुलाइज, मौत

कोटा। मुकुंदरा अभयारण्य से निकलकर सोमवार तड़के करीब 3 बजे एक भालू (रीछ) दरा रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियों पर पहुंच गया। इस घटना ने वहां मौजूद कर्मचारियों को दहशत में डाल दिया, जिसके बाद कर्मचारियों ने आत्मरक्षा में भालू पर गिट्टियां और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए, जिससे भालू गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में चलने में असमर्थ भालू ने अपनी जान बचाने के लिए प्लेटफार्म के पास रेल पटरियों पर ही दुबक कर बैठ गया। कर्मचारियों ने उसे वहां से भगाने की कोशिशें जारी रखीं, लेकिन घायल होने के कारण वह हिलने में भी असमर्थ था।

वन विभाग का रेस्क्यू और बाद में मौत

घटना की जानकारी मिलने पर स्टेशन मास्टर ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। सुबह करीब 5 बजे दरा स्टेशन पर पहुंची वन विभाग की दो टीमों ने घायल भालू को ट्रेंकुलाइज किया। ट्रेंकुलाइज के दौरान भालू लगातार दो घंटे तक एक ही जगह बैठा रहा। वन विभाग की टीम भालू को अपने साथ ले गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वन विभाग द्वारा ले जाए जाने के बाद भालू की मौत हो गई। मौत के बाद वन विभाग ने पोस्टमार्टम करवाकर भालू का अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि, भालू की मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। माना जा रहा है कि घायल होने के कारण भालू ट्रेंकुलाइज को सहन नहीं कर सका। भालू किशोर अवस्था का बताया जा रहा है।

मामला दबाने की कोशिश और लापरवाहियाँ

इस पूरे मामले को वन विभाग द्वारा छुपाने की कोशिश की गई। मुकुंदरा के वन अधिकारी एस. मैथ्यू ने कई बार फोन करने पर भी कॉल रिसीव नहीं किया, वहीं कोटा के वन अधिकारी अनुराग भटनागर ने ऐसे किसी भी मामले की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया। जबकि एक टीम का कोटा से जाना भी बताया जा रहा है। इस पूछताछ के बाद वन विभाग के कर्मचारी देर रात को दरा स्टेशन पर रेल कर्मचारियों से बातचीत करते भी नजर आए।

टूटी फेंसिंग और सुरक्षा दीवार

बताया जा रहा है कि रात भर हुई लगातार बारिश से बचने के लिए यह भालू चार मोखों (गुफाओं) से निकलकर सुरक्षित जगह की तलाश में रेल पटरी पर पहुंचा। हालांकि यहां पर रेलवे द्वारा फेंसिंग और सुरक्षा दीवार भी बनाई गई है, लेकिन ये टूटी पड़ी हैं। पिछले दिनों कोटा मंडल से आए अधिकारियों ने इनकी मरम्मत के निर्देश भी दिए थे, लेकिन सुपरवाइजरों ने काम की गंभीरता को जरूरी नहीं समझा।

राजधानी ट्रेन से टकराने की अफवाह

इस भालू के मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन से टकराकर घायल होने की भी जानकारी सामने आ रही है। हालांकि, सूत्रों ने इस बात से पूरी तरह इनकार किया है। सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों ने अपने बचाव के लिए इस अफवाह को उड़ाया है, क्योंकि 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती राजधानी ट्रेन की चपेट में आने से भालू का बचना मुश्किल है। चालक की तरफ से भी किसी जानवर के ट्रेन से टकराने की सूचना देने की जानकारी सामने नहीं आई है।

पूर्व में भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

गौरतलब है कि दरा में ट्रेन से टकराकर पहले भी एक बाघ की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई अन्य जंगली जानवर भी यहां ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। इतना संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद भी रेलवे और वन विभाग द्वारा अभी तक जंगली जानवरों को रेल पटरी पर आने से बचाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। यह ताजा मामला इस लापरवाही को साबित करने के लिए काफी है।

#मुकुंदराअभ्यारण्य #भालू #दरास्टेशन #वन्यजीवसंरक्षण #रेलवेलापरवाही #कोटा #वनविभाग #जानवरोंकेसाथक्रूरता

G News Portal G News Portal
14 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.