सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट का आदेश बरकरार, एसएलपी खारिज

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट का आदेश बरकरार, एसएलपी खारिज

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में पिछले काफी समय से लंबित ग्राम पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें चुनावों को 15 अप्रैल 2026 तक संपन्न कराने का निर्देश दिया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनावों में देरी और प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दाखिल की थी। इसमें राजस्थान हाईकोर्ट के 14 नवंबर 2025 के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रदेश में वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी की जाए और पंचायत व निकायों के चुनाव एक साथ 15 अप्रैल 2026 तक कराए जाएं।

याचिकाकर्ता की दलीलें: * संविधान के अनुच्छेद 243-E (पंचायतों के लिए) और 243-U (नगरपालिकाओं के लिए) के तहत कार्यकाल खत्म होते ही तत्काल चुनाव कराना अनिवार्य है।

  • परिसीमन की प्रक्रिया को आधार बनाकर लोकतांत्रिक चुनाव की प्रक्रिया को टाला नहीं जा सकता।

  • निर्वाचित प्रतिनिधियों की जगह प्रशासकों की नियुक्ति संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और फैसला

जस्टिस जॉयमाला बागची और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से एएसजी के.एम. नटराज और एएजी शिवमंगल शर्मा ने पक्ष रखा।

  • सरकार का तर्क: सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही है और चुनाव की तैयारियां (परिसीमन, आरक्षण रोस्टर और मतदाता सूची) तय कार्यक्रम के अनुसार शुरू हो चुकी हैं। इस समय किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप पूरी प्रक्रिया में रुकावट पैदा करेगा।

  • कोर्ट का निर्णय: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के तर्कों से सहमति जताते हुए एसएलपी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि चूंकि प्रक्रिया पहले से ही गतिमान है और समय सीमा तय कर दी गई है, इसलिए हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

अब आगे क्या?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब प्रदेश में चुनावी रास्ता साफ हो गया है:

  1. परिसीमन: 31 दिसंबर 2025 तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

  2. चुनाव तिथि: राजस्थान निर्वाचन आयोग को 15 अप्रैल 2026 तक प्रदेश की ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में एक साथ चुनाव कराने होंगे।

  3. प्रशासक: तब तक निकायों और पंचायतों में प्रशासकों का शासन ही बना रहेगा।


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