कोटा। भारतीय रेलवे अब स्टेशनों की अनुपयोगी भूमि का कायाकल्प कर उसे कमाई और यात्री सुविधाओं का केंद्र बनाने जा रही है। कोटा रेल मंडल ने स्टेशनों के पास खाली पड़ी या कम उपयोग में आ रही जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल (Commercial Use) का निर्णय लिया है। इसके लिए रेलवे ने अनुभवी परामर्शदाताओं (Consultants) से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) आमंत्रित किए हैं।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्टेशनों को मात्र एक 'स्टॉपेज' से बदलकर एक सुव्यवस्थित बिज़नेस सेंटर के रूप में विकसित करना है। रेलवे द्वारा नियुक्त किए जाने वाले परामर्शदाता खाली जमीन पर निम्नलिखित संभावनाओं का आकलन करेंगे:
खान-पान: आधुनिक फूड आउटलेट्स और शानदार रेस्टोरेंट।
आवास: यात्रियों के ठहरने के लिए बजट होटल।
शॉपिंग: दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए दुकानें और रिटेल स्टोर।
ट्रैवल सपोर्ट: यात्रा से जुड़ी अन्य आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं।
इससे यात्रियों को स्टेशन परिसर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उनके समय और श्रम की बचत होगी।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ जैन के अनुसार, शुरुआती चरण में यह योजना कोटा मंडल के प्रमुख स्टेशनों के लिए तैयार की गई है:
कोटा जंक्शन
डकनिया तालाव
सवाई माधोपुर
भरतपुर
गंगापुर सिटी
"इस ईओआई का उद्देश्य रेलवे की गैर-किराया आय (Non-Fare Revenue) को बढ़ाना है। साथ ही, हमारा लक्ष्य यात्रियों को स्टेशन पर ही आधुनिक शहरी सुविधाएं प्रदान कर उनके समग्र यात्रा अनुभव को बेहतर बनाना है।" — सौरभ जैन, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक
इच्छुक एजेंसियां और परामर्शदाता अपनी कार्ययोजना, सर्वे पद्धति, अनुमानित लागत और समय-सीमा के साथ अपने प्रस्ताव 10 जनवरी तक जमा कर सकते हैं। प्रस्ताव वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, कोटा के कार्यालय में ई-मेल या हार्ड कॉपी के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।
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