टोंक/जयपुर। राजधानी जयपुर की लाइफलाइन कहे जाने वाला बीसलपुर डेम लगातार 122वें दिन भी छलक रहा है। डेम का एक गेट अभी 10 सेमी तक खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अगले 3-4 दिन तक डेम से पानी की निकासी रोकने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि 250 किलोमीटर लंबी बनास नदी में खेतों से लौट रहे पानी का बहाव अब भी 2.40 मीटर की हाइट पर बना हुआ है।
इस वर्ष मानसून में हुई बंपर बारिश के कारण बीसलपुर डेम ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए।
जुलाई में ही डेम पहली बार छलक उठा।
इसके बाद लगातार 122 दिनों से डेम से पानी की निकासी जारी है।
यह डेम निर्माण इतिहास का सबसे लंबा आउटफ्लो रिकॉर्ड बन चुका है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के बाद 21 अक्टूबर को डेम के सभी गेट बंद कर दिए गए थे।
लेकिन पोस्ट मानसून बारिश के चलते पानी की आवक फिर बढ़ी।
इसके बाद 28 अक्टूबर को एक बार फिर एक गेट खोलकर पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई, जो अब तक जारी है।
वर्तमान में डेम का एक गेट 601 क्यूसेक प्रति सेकंड पानी छोड़ रहा है।
जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया—
पोस्ट मानसून बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया था।
किसान अब रबी सीजन की तैयारी में पंपों से यह पानी नहरों में छोड़ रहे हैं।
यही पानी बनास नदी में बहकर बीसलपुर डेम तक पहुंच रहा है।
इस कारण बारिश न होने के बावजूद नदी में बहाव बना हुआ है और डेम पर दबाव बरकरार है।
बीसलपुर डेम वर्तमान में 315.50 आरएल मीटर की पूर्ण भराव क्षमता पर स्थिर है।
सुरक्षा के मद्देनजर गेट खोलकर दबाव कम किया जा रहा है।
अनुमान है कि 3-4 दिन तक पानी की निकासी प्रक्रिया जारी रहेगी।
| वर्ष | आउटफ्लो (TMC) | गेट खोलने की तिथि | गेट बंद करने की तिथि | खुले रहने के दिन | संचालित गेट |
|---|---|---|---|---|---|
| 2004 | 26.18 | 11.08.2004 | 02.09.2004 | 23 | 4 |
| 2006 | 43.025 | 19.08.2006 | 08.09.2006 | 21 | 6 |
| 2014 | 11.202 | 11.08.2014 | 26.09.2014 | 47 | 4 |
| 2016 | 134.238 | 09.08.2016 | 22.09.2016 | 45 | 8 |
| 2019 | 93.605 | 19.08.2019 | 21.10.2019 | 64 | 17 |
| 2022 | 13.246 | 26.08.2022 | 04.10.2022 | 40 | 4 |
| 2024 | 31.433 | 06.09.2024 | 09.10.2024 | 34 | 6 |
| 2025 | 24.298 | 24.07.2025 | — | 122 | 1 |
खेतों में जमा सरफेस वाटर की वापसी इस बार बीसलपुर डेम के लिए नए दौर की चुनौती बन गई है।
पानी की निरंतर आवक के कारण डेम को लगातार बैलेंस में रखना प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी बन गया है।
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