करौली, 31 जुलाई। चंबल नदी में जल स्तर बढ़ने से मंडरायल क्षेत्र के प्रभावित गांवों में जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना के निर्देशन में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन प्रभावित क्षेत्र में लगातार निगरानी बनाए हुए है और बचाव व राहत से संबंधित सभी टीमें तैनात कर दी गई हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उपखंड अधिकारी सुमन गुर्जर ने जानकारी दी कि मंडरायल क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर 165.550 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे कसेड़, कैमकच्छ, टोड़ी, राचोली, धांस, और बूडन का पुरा जैसे गांवों के अधिकांश घर जलमग्न हो गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पहले से बनी योजना के अनुसार राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। प्रशासन ने विभिन्न टीमें बनाकर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया है।
ग्राम कसेड़ और कैमकच्छ में गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को एसडीआरएफ टीम और प्रशासन ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। वहीं, राचोली और सहेड़ के निवासियों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बचाव और राहत कार्यों के तहत ग्रामीणों, महिलाओं और बच्चों को लगभग 2000 फूड पैकेट और मेडिकल किट वितरित किए गए हैं। इसके साथ ही, बच्चों के लिए विशेष रूप से दूध और बिस्किट के पैकेट भी उपलब्ध कराए गए। टोड़ी गांव के जलमग्न क्षेत्र से विस्थापित लोगों को अग्रवाल धर्मशाला में अस्थायी रूप से ठहराया गया है, जहाँ उनके लिए भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
इस दौरान जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और सीईओ शिवचरण मीना स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने एसडीएम मंडरायल सहित अन्य अधिकारियों के साथ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रशासन की तत्परता और जनता के सहयोग से राहत कार्य लगातार जारी हैं।
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