कोटा। कोटा रेल मंडल में बहुचर्चित 'ओवरलोड मालगाड़ी' प्रकरण में बड़ी राहत की खबर आई है। प्रशासन ने मामले में दोषी ठहराए गए चार में से तीन कर्मचारियों की चार्जशीट (Charge Sheet) को माफ कर दिया है। इसके साथ ही इन कर्मचारियों की एक साल के लिए रोकी गई वार्षिक वेतन वृद्धि (Increment) भी बहाल कर दी गई है।
रेलवे प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ कर्मचारियों ने अपील दायर की थी, जिस पर विचार करने के बाद उच्च अधिकारियों ने दंड को माफ करने का निर्णय लिया। राहत पाने वाले कर्मचारियों में कंट्रोलर योगेश खुराना, ताराचंद मीणा और टीएनसी उपेंद्र मीणा शामिल हैं।
हालाँकि, चौथी कर्मचारी अनीता शर्मा के मामले में अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है। उनके दो पास (Pass) बंद किए गए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने अब तक इस दंड के विरुद्ध कोई औपचारिक अपील भी नहीं की है।
यह मामला 17 अगस्त का है, जब गुजरात के वीरमगाम से एक मालगाड़ी कोटा मंडल पहुंची थी। जयपुर से मिली सूचना के आधार पर इस गाड़ी को सवाई माधोपुर में रुकवाकर उसकी तुलाई (Weight Check) करवाई गई।
जांच में मालगाड़ी के 5 डिब्बे निर्धारित क्षमता से अधिक भरे हुए (Overloaded) पाए गए।
चौंकाने वाली बात यह थी कि वीरमगाम में भी इस गाड़ी की तुलाई हुई थी, लेकिन वहां से इसे हरी झंडी दे दी गई थी।
सवाई माधोपुर में ओवरलोडिंग पकड़े जाने के बाद गाड़ी को धीमी रफ्तार से गंतव्य के लिए रवाना किया गया था।
यह मामला रेलवे कर्मचारियों के बीच काफी चर्चा और विवाद का विषय बना रहा। आरोप था कि जिन ठेका कंपनियों और कर्मचारियों ने मालगाड़ी को गलत तरीके से लोड किया और रवाना किया, उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, मंडल स्तर पर काम करने वाले उन कर्मचारियों को दंडित कर दिया गया जिन्होंने इस विसंगति को उजागर करने या प्रक्रिया को संभालने में भूमिका निभाई थी।
अब तीन कर्मचारियों की चार्जशीट माफ होने के बाद रेल गलियारों में यह चर्चा है कि क्या वास्तव में किसी की कोई गलती नहीं थी या शुरुआती कार्रवाई केवल दबाव में की गई थी।
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