क्लर्क बने सहायक लोको पायलट: कोटा रेल मंडल में डेढ़ सौ पद खाली, फिर भी ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी

क्लर्क बने सहायक लोको पायलट: कोटा रेल मंडल में डेढ़ सौ पद खाली, फिर भी ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी

Rail News: कोटा रेल मंडल में कर्मचारियों की कमी और संसाधनों के कुप्रबंधन का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मंडल में सहायक लोको पायलट (एएलपी) के करीब डेढ़ सौ पद खाली पड़े हैं, इसके बावजूद दो दर्जन से ज्यादा एएलपी को ऑफिस में क्लर्क का काम सौंपा गया है, जिससे परिचालन और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रही हैं।

पद खाली, फिर भी स्टाफ का दुरुपयोग

कोटा रेल मंडल में कुल 650 एएलपी पद स्वीकृत हैं। इनमें से कोटा में 490 में से 363 और गंगापुर में 246 में से 236 एएलपी ही कार्यरत हैं। बयाना और मोतीपुरा हेडक्वार्टर में भी एएलपी की कमी है। इस कमी के बावजूद, कोटा, गंगापुर, बयाना और मोतीपुरा में करीब दो दर्जन एएलपी को क्लर्क, कॉल बॉय, टीएनसी (ट्रेन नंबर क्लर्क), और वॉकी-टॉकी तथा पटाखे बांटने जैसे गैर-परिचालन कार्यों में लगाया गया है। जबकि, ये काम मेडिकल फेल लोको पायलटों से भी करवाए जा सकते हैं।

ठेके के काम में भी लोको पायलट

एक और चौंकाने वाला खुलासा यह है कि रेलवे ने लाइन बॉक्स समेटने का काम ठेके पर दे रखा है, फिर भी कोटा में तीन मेडिकल फेल लोको पायलटों को इसी काम में लगा रखा है। अधिकारियों का मानना है कि डीआरएम की नाराजगी से बचने के लिए वे ठेकेदार के काम को खुद करवा रहे हैं। इसी तरह, वॉकी-टॉकी और पटाखे बांटने का काम भी अब एएलपी से करवाया जा रहा है, जबकि पहले लोको पायलट खुद इन्हें लेकर चलते थे।

कर्मचारियों और रेलवे को हो रहा नुकसान

स्टाफ की कमी और एएलपी के गैर-जरूरी कामों में लगने से बाकी स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ गया है। उन्हें समय पर छुट्टी और आराम नहीं मिल रहा है, और कई बार ड्यूटी निर्धारित समय से अधिक करनी पड़ रही है। इससे एएलपी की पदोन्नति भी प्रभावित हो रही है, और रेल संरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा, ऑफिस में बैठे रनिंग स्टाफ को रेलवे को हर महीने लाखों रुपये का माइलेज भत्ता देना पड़ता है, जिससे रेलवे को भी वित्तीय नुकसान हो रहा है।

अधिकारियों का आश्वासन

इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि एएलपी की कमी को जल्द ही पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेलवे ने 11 हजार लोको पायलटों की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है और पेपर लीक होने से अटकी 18 हजार एएलपी की परीक्षा भी जल्द ही दोबारा होने की उम्मीद है।

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