कोटा। "गर्मी में पसीना आता है, बरसात में भीग जाते हैं, सर्दी में कांपते हैं… टीनशेड के नीचे कब तक पढ़ें, दिलावर अंकल… हम टीनशेड में बैठकर पढ़ते हैं, न बिजली है, न पंखे। पानी की बोतल पास के घरों से भरकर लाते हैं। बारिश के दिन छुट्टी करनी पड़ती है। गर्मी में बेहाल हो जाते हैं और बैठने की जगह भी नहीं होती। स्कूल में स्थायी शिक्षक नहीं हैं, केवल अस्थायी शिक्षक ही पढ़ाने आते हैं।"
यह मार्मिक अपील वार्ड नंबर 33 स्थित एक अस्थायी विद्यालय के बच्चों की है, जिन्होंने राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को एक भावनात्मक पत्र लिखकर नए स्कूल भवन की मांग की है। बच्चों की मासूमियत भरे शब्दों में लिखी गई यह गुहार शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है।
यह विद्यालय क्षेत्र में 'अजय आहूजा स्कूल' के नाम से जाना जाता है, लेकिन विडंबना यह है कि स्कूल का अपना कोई स्थायी भवन नहीं है। कई वर्षों से यह स्कूल कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) के एक छोटे से कियोस्क में संचालित हो रहा है। बच्चों ने अपने पत्र में अपील की है कि पास की खाली पड़ी जमीन पर एक नया स्कूल भवन बना दिया जाए और स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, ताकि वे भी एक सम्मानजनक और उचित माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल की यह दयनीय हालत कई सालों से बनी हुई है, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस स्कूल में फिलहाल 70 बच्चों का नामांकन है। पार्षद कमल कांत के सहयोग से यहां टीनशेड लगवा दिए गए हैं, जिससे बच्चों को बैठने की जगह मिल पाई है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव बरकरार है।
क्षेत्रीय विधायक संदीप शर्मा को भी स्कूल के लिए जमीन आवंटन और नए भवन के निर्माण हेतु लिखित में अनुरोध किया जा चुका है। अब इन बच्चों की यह भावनात्मक अपील शिक्षा मंत्री तक पहुंचने के बाद ही उम्मीद जगी है कि शायद व्यवस्था जागे और इन मासूमों को उनका शिक्षा का हक मिल सके।
बच्चों ने कुछ इस तरह बताई अपनी पीड़ा
सांवला, छात्र: स्कूल बिजली-पानी व कमरा भी नहीं है। बिजली नहीं होने से गर्मी में काफी दिक्कत होती है।
सीमा, छात्रा: स्कूल का नया सत्र शुरू हुआ है। स्कूल में बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। हम खुद पानी लेकर आते है।
अलीशा, छात्रा: हम बरड़ा बस्ती से पैदल चलकर स्कूल में पढ़ने के लिए आते है। स्कूल का भवन नहीं है। कियोस्क में पढ़ते है।
बबली, छात्रा: मैं पहले भी इसी स्कूल में पढ़ने आती थी, लेकिन यहां सुविधा कुछ भी नहीं है। स्कूल का नया भवन बनना चाहिए।
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