 
        
        
कोटा। गुरुवार को पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन के पहिए जाम होने (टायर फ्लैट) से हुए रेल ट्रैक के नुकसान का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को डीआरएम अनिल कालरा ने कोटा-निमोदा रेल खंड का निरीक्षण किया। उन्होंने विशेष रूप से सवाई माधोपुर ट्रिप शेड में खड़े खराब इंजन के पहिए की जांच की।
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने घंटों तक पहिए की खराबी जानने की कोशिश की। शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि पहिए पर कोई धातु चिपक गई थी, जिसकी वजह से यह खराबी आई। कालरा से पहले सुबह तुगलकाबाद (टीकेडी) के इंजीनियरों ने भी इस पहिए का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान, कालरा ने बारिश में टपक रहे शेड की ओर भी आईओडब्ल्यू (इंस्पेक्टर ऑफ वर्क्स) का ध्यान आकर्षित किया।
सवाई माधोपुर से पहले, डीआरएम कालरा ने मलारना में कथित तौर पर क्षतिग्रस्त हुई रेल पटरी का भी निरीक्षण किया। हालांकि, उन्हें निरीक्षण के दौरान पटरी में कोई गंभीर खराबी नजर नहीं आई। इससे पहले गंगापुर के रेल पथ इंजीनियरों द्वारा की गई अल्ट्रासोनिक जांच रिपोर्ट में भी पटरी में कोई नुकसान नहीं पाया गया था।
जांच रिपोर्ट और निरीक्षण के बाद, शुक्रवार को मलारना-रणथंभौर के बीच 25 किलोमीटर लंबे रेल खंड में ट्रेनों की गति सीमा को 50 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को पटना-कोटा ट्रेन (13239) के इंजन के पहिए जाम हो गए थे, जिससे मलारना से रणथंभौर तक करीब 25 किलोमीटर की पटरी क्षतिग्रस्त होने की खबर थी। इस घटना के कारण ट्रेन को सवाई माधोपुर में लगभग पौने दो घंटे तक रोकना पड़ा था, जहां उसका इंजन बदला गया। पटरी क्षतिग्रस्त होने की आशंका के कारण इस खंड पर ट्रेनों की गति को धीमा कर दिया गया था, जिससे कई ट्रेनों को विलंब का सामना करना पड़ा था।
#कोटा #रेलवे #डीआरएम #अनिल_कालरा #टायर_फ्लैट #रेल_ट्रैक #पटना_कोटा_एक्सप्रेस #रेलवे_सुरक्षा #IndianRailways
 G News Portal
                G News Portal
            No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.