कोटा। झालावाड़ रोड स्थित लखना क्षेत्र के नागरिकों की तत्परता से एक दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजाति के उल्लू (यूरो एशियन ईगल आउल) को नया जीवन मिला है।
नागरिकों ने इस उल्लू को घायल अवस्था में देखा और तुरंत उसे कोटा के प्रतिष्ठित शालीहोत्र संस्थान पहुंचाया। संस्थान में पशु शल्य चिकित्सक डॉ. यश शर्मा ने उल्लू का गहन उपचार शुरू किया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि उल्लू को तीन दिन तक गहन देखभाल इकाई (Intensive Care Unit) में रखा गया, जहां उसकी लगातार निगरानी की गई। पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद, शनिवार को इस उल्लू को आगे की कार्रवाई और प्राकृतिक आवास में छोड़ने के लिए जिला उप वन संरक्षण अधिकारी कार्यालय को सौंप दिया गया।
सेवाभाव की मिसाल: गौरतलब है कि शालीहोत्र संस्थान पिछले चार वर्षों से कोटा और आस-पास के क्षेत्रों में जीव-जन्तु कल्याण तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर सराहनीय कार्य कर रहा है। लखना के नागरिकों की जागरूकता और संस्थान के त्वरित उपचार से इस दुर्लभ पक्षी की जान बचाई जा सकी।
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