जयपुर: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी चरण में सोमवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय एजेंडे में सरकार चार महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी। इनमें से दो विधेयक, ‘राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ और ‘राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024’ सियासी गलियारों में बहस को तेज कर सकते हैं, क्योंकि इनमें कड़े प्रावधान और सजाएं शामिल हैं।
तीन दिन का एजेंडा:
8 सितंबर: मत्स्य-क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025 और आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025।
9 सितंबर: विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025।
10 सितंबर: भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024।
1. विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025:
इस विधेयक को सरकार ऐतिहासिक बता रही है। इसका मकसद जबरन धर्मांतरण को रोकना है। इसमें कड़े दंड, भारी जुर्माने और संस्थागत नियंत्रण के प्रावधान हैं:
सजा: सामान्य धर्मांतरण पर 7 से 14 साल की कैद और 5 लाख रुपये का जुर्माना। नाबालिगों, महिलाओं, एससी-एसटी के मामले में 10 से 20 साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना। सामूहिक धर्मांतरण पर उम्रकैद और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना।
मुआवजा: पीड़ित को 10 लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति मिलेगी।
अधिसूचना: धर्म बदलने वाले व्यक्ति को 90 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को और धर्माचार्य को 60 दिन पहले सूचित करना होगा।
अन्य प्रावधान: ‘लव जिहाद’ को अवैध घोषित किया जाएगा और संपत्ति जब्त की जा सकेगी। एनजीओ का पंजीकरण रद्द होगा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
2. राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024:
यह विधेयक राजस्थान में भू-जल संकट को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है। इसमें बिना अनुमति भू-जल दोहन को रोकने के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा:
प्राधिकरण: ‘राजस्थान भू-जल संरक्षण एवं प्रबंध प्राधिकरण’ की स्थापना होगी, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ और दो विधायक भी शामिल होंगे।
सजा: बिना अनुमति बोरवेल बनाने या नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार 50,000 रुपये तक का जुर्माना, दोबारा उल्लंघन पर पांच गुना जुर्माना और छह माह तक की कैद हो सकती है।
योजना: राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंध योजना बनाई जाएगी, जिसकी हर 3 साल में समीक्षा होगी।
3. राजस्थान मत्स्य-क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025:
यह विधेयक अवैध मछली शिकार को रोकने के लिए लाया गया है। इसमें जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है:
जुर्माना: पहली बार अपराध पर 500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये और दोबारा अपराध पर 1,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये का जुर्माना होगा।
4. राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025:
यह विधेयक जयपुर में एक राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा संस्थान के गठन का मार्ग प्रशस्त करेगा:
गठन: ‘रिम्स’ (राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान) को एक स्वायत्त निकाय बनाया जाएगा।
विलय: आरयूएचएस कॉलेज और उससे जुड़े अस्पताल, साथ ही राज्य कैंसर संस्थान को रिम्स में मिला दिया जाएगा।
उद्देश्य: आधुनिक चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल और आयुष शिक्षा प्रदान करना।
ये चारों विधेयक सरकार की नीतियों को दर्शाते हैं, जबकि विपक्ष इन पर सख्त रुख अपनाकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। विधानसभा में आने वाले दिनों में इन विधेयकों पर तीखी बहस देखने को मिल सकती है।
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