सवाई माधोपुर, राजस्थान। विश्व प्रसिद्ध रणथंभौर क्षेत्र में गौ माताओं की दुर्दशा और चारागाहों पर अवैध कब्जों को लेकर गंभीर आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय निवासियों और पशु प्रेमियों का आरोप है कि दबंग होटल माफियाओं ने चारागाह भूमियों पर अवैध कब्जे कर लिए हैं, जिसके चलते गौ माताएं अपने प्राकृतिक आहार क्षेत्र से वंचित होकर सड़क पर भटकने और मरने को मजबूर हैं।
यह गंभीर मुद्दा सीधे तौर पर प्रशासनिक उदासीनता की ओर इशारा करता है।
जानकारी के अनुसार, रणथंभौर के आस-पास की वह भूमि जो वर्षों से पशुओं के चरने के लिए निर्धारित थी, उस पर अवैध रूप से रिसॉर्ट्स और होटलों का निर्माण हो गया है। चारागाहों के सिमट जाने से गौ माताएं भोजन की तलाश में मुख्य सड़कों पर आ रही हैं, जिससे स्थिति दिनों-दिन खतरनाक होती जा रही है।
चारागाह भूमि पर कब्जे का सीधा असर सड़क सुरक्षा पर पड़ रहा है। हर दिन सड़कों पर सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही है, जिनमें कई बार इंसान और जानवर दोनों शिकार होते हैं। सड़कों पर घूमती गौ माताएं अक्सर वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाती हैं या मर जाती हैं।
आरोप है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, मानो उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हो। इस लापरवाही के कारण न केवल पशुधन खतरे में है, बल्कि यह क्षेत्र की पर्यावरण और सामाजिक व्यवस्था को भी बिगाड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही इन अवैध कब्जों को हटाने और गौ माताओं के लिए पर्याप्त चारागाह भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें विरोध-प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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