कोटा। दी जैक्शन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (जेसी बैंक) के डायरेक्टर पद के चुनाव मैदान में उतरे फार्मासिस्ट ब्रजमोहन मीणा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ब्रजमोहन के खिलाफ कोटा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला दर्ज है। मामला दवाइयों के बिल पास करने के बदले कमीशन मांगने से जुड़ा है, जिसमें अब केवल रेलवे प्रशासन से अभियोजन स्वीकृति (Prosecution Sanction) का इंतजार है।
यह मामला साल 2022 का है, जब एक दवा सप्लायर ने एसीबी को ब्रजमोहन मीणा के खिलाफ शिकायत दी थी।
रिश्वत की मांग: सप्लायर का आरोप था कि उसके करीब 19 लाख रुपये के बिलों के भुगतान की एवज में ब्रजमोहन 5 प्रतिशत कमीशन मांग रहा था।
सौदा: बाद में यह सौदा 4 प्रतिशत पर तय हुआ, जिसके अनुसार 76 हजार रुपये की मांग की गई। काफी मिन्नत के बाद ब्रजमोहन 60 हजार रुपये लेने पर राजी हुआ।
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए 'ट्रैप' बिछाया था। हालांकि, ब्रजमोहन को भनक लग गई और वह सतर्क हो गया, जिसके कारण ट्रैप की कार्रवाई सफल नहीं हो सकी। इसके बावजूद, एसीबी के पास मौजूद पुख्ता सबूतों के आधार पर जयपुर मुख्यालय से अनुमति ली गई और जनवरी-2023 में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
मामले की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन आरोपी के रेलवे कर्मचारी होने के नाते कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए विभाग से आधिकारिक अनुमति (अभियोजन स्वीकृति) मिलना अनिवार्य है।
अधिकारी का कथन: "ब्रजमोहन मीणा के खिलाफ मामला दर्ज है। फिलहाल रेलवे से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। जैसे ही अनुमति प्राप्त होगी, मामला अदालत में पेश कर आगे बढ़ाया जाएगा।" - पृथ्वीराज मीणा, इंस्पेक्टर, एसीबी
जेसी बैंक के डायरेक्टर पद के लिए उम्मीदवार होने के कारण ब्रजमोहन मीणा की छवि पर इस मामले का सीधा असर पड़ सकता है। बैंक के मतदाताओं के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे व्यक्ति को संगठन की कमान सौंपना कितना उचित होगा।
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