जयपुर में JDA का दायरा हुआ दोगुना, 693 नए गांव शामिल; अब 'सोना उगलेगी जमीन'

जयपुर में JDA का दायरा हुआ दोगुना, 693 नए गांव शामिल; अब 'सोना उगलेगी जमीन'

जयपुर: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने अपने रीजन का व्यापक विस्तार करते हुए क्षेत्र को दोगुना से अधिक कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कुल 693 राजस्व गांवों को जेडीए सीमा में शामिल किया गया है। इस विस्तार का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को होगा, जहाँ ज़मीन की कीमतें बढ़ने और मूलभूत सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।

किस तहसील को मिला सर्वाधिक लाभ?

जेडीए सीमा विस्तार में सबसे अधिक फायदा बस्सी तहसील को हुआ है, जिसके 86 राजस्व गांवों को जेडीए रीजन में शामिल किया गया है।

तहसील/जिला शामिल किए गए गांव
बस्सी 86 राजस्व गांव (सर्वाधिक)
फुलेरा 4 गांव
किशनगढ़-रेनवाल 4 गांव
कोटपूतली-बहरोड़ 9 गांव (विराट नगर तहसील के)
जयपुर-चौमूं 2-2 गांव (तीसरी सूची)
सांगानेर 10 गांव (तीसरी सूची)

नोट: नई सूची में 632 राजस्व गांव शामिल हैं, जो जिले की 17 तहसीलों के हैं। इसके अलावा 47 गांव जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू के मास्टरप्लान के नगरीय क्षेत्र में अधिसूचित किए गए हैं।

जेडीए सीमा का नया विस्तार क्षेत्र

जेडीए का दायरा अब दूर-दराज के क्षेत्रों तक फैल गया है:

  • टोंक रोड पर चाकसू के मास्टर प्लान की सीमा तक।

  • फागी रोड पर फागी के आस-पास तक।

  • अजमेर रोड पर दूदू के आस-पास तक।

  • कालवाड़ रोड पर जोबनेर के मास्टर प्लान की सीमा तक।

  • दिल्ली रोड पर शाहपुरा के मास्टर प्लान की सीमा तक।

  • आगरा रोड पर जयपुर जिले की सीमा तक।

गांवों पर सकारात्मक प्रभाव

जेडीए रीजन में शामिल होने से ग्रामीण क्षेत्रों में 'बल्ले-बल्ले' होने की उम्मीद है:

  • जमीन के भाव बढ़ेंगे: जेडीए क्षेत्र में आने से ज़मीन की कीमतों में भारी उछाल आएगा, जिससे स्थानीय निवासियों को बड़ा आर्थिक लाभ होगा।

  • बुनियादी सुविधाओं में सुधार: जल आपूर्ति, सीवरेज, सड़कें, स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाओं में इजाफा होगा।

  • व्यवस्थित विकास: भूमि का उपयोग अब जेडीए के मास्टर प्लान के अनुसार होगा, जिससे अनियंत्रित और अवैध निर्माण पर रोक लगेगी।

  • रोजगार के अवसर: नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और निर्माण, रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

जेडीए के सामने बड़ी चुनौतियां

हालांकि, क्षेत्रफल दोगुना होने से जेडीए के सामने कई चुनौतियाँ भी खड़ी हो गई हैं:

  • निगरानी और नियोजन: इतने बड़े क्षेत्रफल में निगरानी और व्यवस्थित नियोजन करना आसान नहीं होगा।

  • संसाधनों की कमी: मूलभूत सुविधाओं की दरकार पूरी करने के लिए जेडीए को अधिक स्टाफ, संसाधन और बजट की आवश्यकता होगी।

  • अवैध निर्माण पर रोक: मौजूदा सीमा में सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बस चुकी हैं, जिनका बाद में नियमन करना पड़ा। नए विस्तारित क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होगी, ताकि व्यवस्थित विकास सुनिश्चित किया जा सके।


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