केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान: बच्चों के लिए बनेगा प्रकृति की पाठशाला

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान: बच्चों के लिए बनेगा प्रकृति की पाठशाला

भरतपुर: विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान अब बच्चों के लिए प्रकृति और जैव विविधता की सीख का केंद्र बनने जा रहा है। उद्यान प्रशासन ने आसपास के गांवों और स्कूलों के बच्चों को हर महीने निशुल्क भ्रमण कराने की एक नई पहल शुरू की है।

क्या है इस योजना का उद्देश्य?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को प्रकृति, जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जागरूक करना है। उद्यान के निदेशक मानस सिंह के अनुसार, हर महीने एक दिन को विशेष रूप से तय किया जाएगा जब क्षेत्र के स्कूलों और गांवों के 200 बच्चों को उद्यान में भ्रमण कराया जाएगा। यहां उन्हें घना के जैव विविध पारिस्थितिकी तंत्र, वन्यजीवों और पक्षियों की विविध प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

बच्चों को क्या सीखने को मिलेगा?

  • पक्षियों का प्रवास: बच्चों को पक्षियों के प्रवास, उनके आवास और भोजन चक्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
  • वन्यजीव संरक्षण: उद्यान के माध्यम से उन्हें वन्यजीवन संरक्षण के महत्व से अवगत कराया जाएगा।
  • जैव विविधता: बच्चों को जैव विविधता संरक्षण में अपनी भूमिका के बारे में बताया जाएगा।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: बच्चे घना के प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से देखेंगे।

क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?

यह योजना बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम जगाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा।

निष्कर्ष:

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान द्वारा शुरू की गई यह पहल एक सराहनीय कदम है। यह न केवल बच्चों को प्रकृति के करीब लाएगा बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित करेगा।

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