कोटा। मानसून की समाप्ति के बाद भी कोटा रेल मंडल के कई अंडर ब्रिजों (Subways) में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों और राहगीरों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई अंडर ब्रिजों का निर्माण कार्य महीनों से अधूरा पड़ा है, और कइयों की सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं।
अंडर ब्रिजों में पानी भरा होने के कारण, आसपास रहने वाले ग्रामीण और स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर रेल पटरी के ऊपर से निकलने को मजबूर हैं। इससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा होने का गंभीर खतरा बना हुआ है।
सबसे अधिक परेशानी सवाई माधोपुर मखोली नाला, लाखेरी, और बूंदी रेल खंड स्थित ऊपरमाल स्टेशनों के पास बन रहे अंडर ब्रिजों में आ रही है।
ऊपरमाल में अंडर ब्रिज का काम पिछले 6 महीने से बंद है और इसमें पिछले 2 महीनों से पानी भरा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके अलावा एक मालगाड़ी भी यहां पर पिछले चार महीने से खड़ी हुई है।
कोई अन्य रास्ता न होने के कारण, लोग मजबूरन अपनी जान जोखिम में डालकर इस खड़ी मालगाड़ी के नीचे से निकलने को विवश हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शायद प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
लोगों ने बार-बार रेल अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं हो पाया है। इसके चलते लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए ये अंडर ब्रिज पूरी तरह से अनुपयोगी (Useless) साबित हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बड़े-बड़े दावे करने वाले कोटा मंडल रेल प्रशासन के पास लोगों की समस्याएं सुनने तक का समय नहीं है, और उनके निरीक्षण केवल औपचारिकता (Formality) बनकर रह गए हैं। उनका कहना है, "अंडर ब्रिज बनाकर रेलवे ने अपना उल्लू सीधा कर लिया और लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया।"
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