कोटा। रविवार आधी रात को कोटा में हुई जोरदार बारिश ने शहर के निचले इलाकों और घरों को पानी-पानी कर दिया, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बारिश का सबसे बुरा असर कोटा रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जहां टीन शेड हटे होने के कारण यात्रियों को भारी असुविधा हुई।
प्लेटफॉर्म पर ट्रेन खड़ी रहने के दौरान यात्रियों की दिक्कतें और बढ़ गईं। ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले यात्री बारिश में पूरी तरह भीगने को मजबूर दिखे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ी इंदौर-दिल्ली इंटरसिटी ट्रेन के यात्रियों को भी इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ी। यात्रियों के साथ उनका सामान भी पानी में भीग गया, और कई यात्री इस अव्यवस्था के लिए रेलवे अधिकारियों को कोसते नजर आए।
बारिश से ट्रॉली वेंडर भी परेशान दिखे। वे खुद को और अपनी ट्रॉली के सामान को भीगने से बचाने की मशक्कत करते रहे, लेकिन अचानक आई तेज बारिश के कारण वे सफल नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि कोटा स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्य के कारण प्लेटफॉर्म से टीन शेड हटा दिए गए हैं। इसके चलते बारिश का पानी पूरे प्लेटफॉर्म पर गिर रहा है। लगभग सभी प्लेटफॉर्म की यही स्थिति है। टीन शेड हटे होने से बड़ी संख्या में यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर बैठने और खड़े रहने तक की पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है।
स्टेशन का यह काम देरी से चल रहा है, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ रही है। इस काम को मार्च में पूरा होना था, लेकिन अभी तक लगभग आधा ही काम पूरा हो पाया है। काम में तेजी लाने और यात्रियों को और अधिक परेशानी से बचाने के लिए रेलवे पिछले करीब एक महीने से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 43 दिनों का ब्लॉक लेने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, एस्केलेटर के समय पर नहीं हटने और अन्य काम पूरे न होने के कारण घोषणा के बाद भी यह ब्लॉक नहीं लिया जा सका है।
हालांकि, काम को जल्द पूरा करने के लिए डीआरएम अनिल कालरा पिछले चार-पांच दिनों से रोजाना शाम को प्लेटफॉर्म का निरीक्षण कर रहे हैं। कालरा ने रविवार को भी यह निरीक्षण किया, लेकिन बारिश ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी होंगी।
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