भरतपुर/धौलपुर। विश्व के साइबेरिया क्षेत्र से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर शीतकालीन प्रवास पर भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और धौलपुर के जलाशयों तक हजारों की संख्या में पहुंची कुरजां (डेमोइसेल क्रेन) पक्षियों के आगमन से पक्षी प्रेमियों में खुशी की लहर है। हालांकि, इनके साथ बर्ड फ्लू (Bird Flu) संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर वन विभाग के कान खड़े हो गए हैं और उद्यान में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
कुरजां पक्षी मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, चीन बॉर्डर और तुर्किस्तान जैसे क्षेत्रों से यहां पहुंचे हैं। जर्मनी में बर्ड फ्लू से कुरजांओं की मौत की खबरों के बाद, भरतपुर और धौलपुर पहुंचे इन प्रवासी पक्षियों पर गहन निगरानी रखी जा रही है।
सतर्कता: वन विभाग केवलादेव (घना) और धौलपुर के जलाशयों में विचरण कर रही कुरजांओं पर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।
संक्रमण का डर: कुरजांओं से अन्य स्थानीय पक्षियों और इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने की आशंका पर पूरी चौकसी बरती जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अक्टूबर के पहले और दूसरे सप्ताह में राजस्थान के कई भागों में आने वाले ये डोमिसाइल क्रेन मार्च महीने तक शीतकालीन प्रवास करते हैं।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के विश्वस्त सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि कुरजांओं से अन्य पक्षियों और इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने की आशंकाओं के बावजूद, फिलहाल घना (केवलादेव) में इसका एक भी मामला रिकॉर्ड नहीं किया गया है।
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