कोटा। पश्चिम-मध्य रेलवे के कोटा मंडल के अंतर्गत मांडलगढ़ स्टेशन पर नॉन-इंटरलाकिंग (NI) के काम को तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्टेशन की तीन लाइनें पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई हैं। इसके चलते इस सिंगल रूट पर ट्रेनों, खासकर मालगाड़ियों, का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वे घंटों देरी से चल रही हैं।
परिचालन प्रभावित होने का यह गंभीर मामला अब जबलपुर मुख्यालय और रेलवे बोर्ड तक जा पहुंचा है, जहां अधिकारियों ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
मांडलगढ़ स्टेशन पर 5 से 7 नवंबर तक एनआई का कार्य किया गया था। इस कार्य के तहत यहां बनी कंटेनर डिपो की पांचवीं लाइन का कनेक्शन मुख्य ट्रैक से किया जाना था।
स्थिति बिगड़ी: एनआई का काम खत्म होने के बाद पांचवीं लाइन तो चालू नहीं हुई, बल्कि इसके विपरीत, पहले से चालू लाइन नंबर तीन और चार भी बंद हो गईं।
परिणाम: एनआई से पहले स्टेशन की चारों लाइनें चालू थीं, लेकिन अब केवल लाइन नंबर एक और दो से ही यातायात चल रहा है, जिस पर भी ट्रेनों को धीमी रफ्तार से निकाला जा रहा है।
डीआरएम ने मांगा जवाब: कोटा डीआरएम अनिल कालरा ने भी एनआई खत्म होने के बाद लाइन चालू नहीं होने पर रविवार को अधिकारियों से जवाब तलब किया था। अधिकारियों ने बताया कि यह संभवतः पहली बार है जब एनआई खत्म होने के तीन दिन बाद भी लाइन चालू न हुई हो, जिसका सीधा अर्थ है कि एनआई का काम ही पूरा नहीं हुआ है।
सूत्रों ने इस अव्यवस्था के पीछे अनुभवहीन ठेकेदार से काम कराने की बात बताई है।
तैयारी का अभाव: एनआई के लिए ठेकेदार के पास कोई विशेष तैयारी नहीं थी।
मशीनरी की कमी: काम के लिए ठेकेदार के पास जरूरी मशीनरी, उपकरण, इंजीनियर और मजदूर तक नहीं थे। यहां तक कि स्लीपर सेट करने वाली मशीन भी ठेकेदार के पास नहीं है।
लापरवाही: अधिकारियों ने भी ठेकेदार के बिना तैयारी के काम करने पर कोई ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
कर्मचारियों ने बताया कि स्टेशन पर अभी भी इंजीनियरिंग, सिग्नल और टीआरडी विभाग का काम पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, जिसके कारण रेल संचालन प्रभावित है।
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