कोटा: रेलवे में अधिकारियों की अदूरदर्शिता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोटा रेल मंडल के शामगढ़ स्टेशन पर, रेलवे ने पशुओं को पटरी पर आने से रोकने के लिए 8-9 महीने पहले लगाई गई अपनी ही फेंसिंग को उखाड़ दिया। इस निर्णय से रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
'गति शक्ति' योजना के तहत यह फेंसिंग इसलिए लगाई गई थी ताकि आवारा पशु ट्रैक पर न आ सकें। हालांकि, अधिकारियों ने इसे लगाते समय यह ध्यान नहीं दिया कि शामगढ़ में मालगाड़ी के रैक लोडिंग के लिए भी रुकते हैं। फेंसिंग लग जाने से ट्रकों के लिए पटरी तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया, जिससे माल की लोडिंग लगभग असंभव हो गई।
300 मीटर फेंसिंग बनी कबाड़
जब शामगढ़ में गेहूं और अन्य सामान की लोडिंग के लिए रैक की मांग हुई, तब अधिकारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद, आनन-फानन में जेसीबी मशीन से लोहे और स्टील की करीब 300 मीटर फेंसिंग को उखड़वा दिया गया। जेसीबी से हटाए जाने के कारण यह फेंसिंग पूरी तरह से कबाड़ में बदल गई और अब इसे दोबारा कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर इसे सावधानी से हटाया जाता तो यह दोबारा काम आ सकती थी, लेकिन अधिकारियों ने इसकी परवाह नहीं की।
पशुओं का खतरा फिर बढ़ा
एक बड़े हिस्से से फेंसिंग हटा दिए जाने से अब स्टेशन और पटरियों पर आवारा पशु फिर से पहुंचने लगे हैं, जिससे ट्रेन दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। इस पूरे मामले पर रेलवे के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
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