अलवर/लक्ष्मणगढ़। रूस के ऊफ़ा शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे अलवर के कफनवाड़ा गांव निवासी छात्र अजीत चौधरी (22) की मौत के बाद से ही उनके परिवार का बुरा हाल है। अजीत का शव मिलने के पांच दिन बाद भी भारत नहीं आ सका है, जिसके चलते मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है।
अजीत चौधरी, जो 19 अक्टूबर से लापता थे, उनका शव 19 दिन बाद गुरुवार 6 नवंबर को व्हाइट रिवर से लगते एक बांध में मिला था। शव मिलने की सूचना के बाद से ही घर में मातम छाया हुआ है।
मां और बहन का बुरा हाल: बेटे की याद में मां और बहन पूरी रात बिलखती रहती हैं। परिजनों ने बताया कि अजीत की मां के पास जो भी जाता है, वह बेटे को लाने की गुहार लगाते हुए बार-बार बेहोश हो जाती हैं। बहन का भी यही हाल है।
20-22 दिन से नहीं बना खाना: बेटे के शव का इंतजार कर रहे इस परिवार के घर में पिछले 20 से 22 दिनों से खाना भी नहीं बन रहा है। पड़ोसी उन्हें खाना भेज रहे हैं, लेकिन शोकाकुल परिजनों के गले वह भी नहीं उतर रहा।
आंसू सूखे, उम्मीद कायम: परिजनों का कहना है कि शव भारत आने में हो रही देरी से मां और बहन बार-बार अजीत को देखने की बात कह रही हैं। रोते-रोते दोनों के आंसू सूख चुके हैं।
मृतक छात्र के चाचा भोमसिंह ने बताया कि रूस स्थित भारतीय दूतावास से आगे कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है। बार-बार कॉल करने पर भी बमुश्किल ही बात हो पाती है। गांव में भी शोक का माहौल है और ग्रामीण अजीत के शव को जल्द भारत लाने की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, अजीत के शव को मिले पांच दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। रूसी पुलिस अभी भी मामले की जांच करने की बात कह रही है। मृतक छात्र के परिजनों ने यह भी कहा है कि रूस में पोस्टमार्टम होने के बाद भी वे राजस्थान में मेडिकल बोर्ड द्वारा अजीत के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाएंगे।
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